जागरूक जनता नेटवर्क
सिरोही – राज्य सरकार द्वारा उच्च माध्यमिक प्रधानाचार्य पदोन्नति में व्याख्याता-प्रधानाध्यापक अनुपात को योग्यता संख्यात्मक आधार पर 80ः20 करने, प्रधानाध्यापक की योग्यता अधिस्नातक करने, प्रधानाध्यापक के स्थान पर वाइस प्रिन्सीपल का पद सृजित करने, सीनियर स्कूल में वाइस प्रिन्सीपल का पद सृजित करने, जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्रधानाचार्य से सीधी पदोन्नति करने के फैसलें का राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने स्वागत योग्य कदम बता कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि राज्य की जनप्रिय सरकार द्वारा 50 वर्ष पुराने राजस्थान सेवा नियम 1970 एवं राजस्थाना अधिनस्थ सेवा नियम 1971 में आंशिक संशोधन कर राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 बनाये जाने की घोषणा राज्य केबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा की सदाशयता से सेवा नियमों को सहमति प्रदान कर उच्च माध्यमिक प्रधानाचार्य पदोन्नति में व्याख्याता-प्रधानाध्यापक अनुपात को योग्यता संख्यात्मक आधार पर 80ः20 करने, प्रधानाध्यापक की योग्यता अधिस्नातक करने, प्रधानाध्यापक के स्थान पर वाइस प्रिन्सीपल का पद सृजित करने, सीनियर स्कूल में वाइस प्रिन्सीपल का पद सृजित करने, जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्रधानाचार्य से सीधी पदोन्नति करने, पदोन्नति हेतु अधिकारी उपलब्ध हो सकेंगे।
साथ ही प्रधानाचार्य के 323 व्याख्याताओ के 1500 से अधिक, 254 वरिष्ठ शरीरिक शिक्षक तथा 254 तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों को पदोन्नति करने, 41 पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-2, 41 पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-3 को पदोन्नत करने, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-3 के 613 पदों का सृजन, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-2 के 613 पदों का सृजन करने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदो पर रीट के माध्यम से नियमित रूप से भर्ती करने सहित नवीन सेवा नियमों से कई संवर्गो में रूकी हुई पदोन्नतिया हो सकेगी।
वही शिक्षा विभाग के उच्च पदों पर अधिकारी उपलब्ध होंगे जिससे विद्यालयों एवं कार्यालयों में शैक्षिक, प्रशासनिक एवं निरीक्षण कार्यां को गति मिल सकेगी। संगठन ने उक्त सेवा नियमों में बदलाव एवं व्याख्याताओं की पदोन्नति के संदर्भ में दो दशक से राज्य सरकार के समक्ष मांगों को प्रभावी रूप से रखने के परिणाम पर राज्य सरकार द्वारा बुधवार को मोहर लगा दी गई।
राज्य सरकार के इस सराहनीय फैसले पर राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के सभाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा भीलवाडा, महामंत्री ओम आचार्य बीकानेर, रामबाबूसिंह जयपुर, अखिलेश शर्मा दौसा, जयकिशन पंचारिया जोधपुर, मनोहरदान चारण जालोर, मिश्रीमल साहू जालोर, लखमाराम चौधरी जालोर, उदयभानु ओझा पाली, हरीराम कलावन्त पाली, महेश शर्मा करौली, प्रमोद गुप्ता एवं नरेन्द्र कुमार शर्मा अलवर, विक्रमसिंह सोलंकी सिरोही, डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया सिरोही, जसवन्त पुरी कांकरोली, गोविन्द शर्मा चितौडगढ, निहालसिंह हनुमानगढ, शंकरसिंह राजपूत खमनोर, अशोक त्रिवेदी भीलवाडा, रामनारायण शास्त्री अजमेर, नरेन्द्र परिहार बालोतरा, नारायणदास शर्मा जैसलमेर, ईनामुल हक कुरैशी सिरोही, सविता शर्मा सिरोही, सुश्री क्रान्ति राठौड आबुरोड (सिरोही), प्रीति गुर्जर खमनोर, सुमित्रा सोनी पाली सहित संगठन के सभी जिलो के पदाधिकारियों ने सरकार के फैसले का स्वागत कर मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया हैं।