चित्रकूट में रामभद्राचार्य से मिले मोहन भागवत

रामभद्राचार्य ने RSS चीफ के DNA वाले बयान को गलत ठहराया, योगी सरकार पर निशाना साधा, बोले- इनका काम केवल सोशल मीडिया तक सीमित

चित्रकूट। RSS चीफ मोहन भागवत दो दिन से चित्रकूट में हैं। बीते दिन वह पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज से शिष्टाचार भेंट करने के लिए तुलसी पीठ आश्रम गए। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दे दिया। भागवत से मुलाकात के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, ‘RSS प्रमुख मोहन भागवत का DNA वाला बयान अनुकूल नहीं है।’

रामभद्राचार्य यहीं नहीं रूके। उन्होंने योगी सरकार और पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में हुए जिला पंचायत चुनाव पर भी निशाना साधा। बोले, ‘यहां के जिला पंचायत से मैं संतुष्ट नहीं हूं। लेकिन, UP में फिर BJP की सरकार ही बनेगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार का कामकाज अच्छा नहीं है। योगी सरकार का काम केवल सोशल मीडिया तक ही सीमित है उसका धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा है।’

पिछले दिनों गाजियाबाद में भागवत ने कहा था, ‘यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।

संघ प्रमुख से इन बिंदुओं पर हुई बातचीत

चित्रकूट में धार्मिक, आर्थिक विकास के विभिन्न मुद्दों पर जगदगुरु ने संघ प्रमुख से बात की।
महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि राजापुर के विकास को लेकर भी दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई।
जगदगुरु ने कहा कि हिंदी को अब राष्ट्रभाषा घोषित किया जाए। गौहत्या पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
संघ प्रमुख के साथ अनिल, दत्तात्रेय होसबोले, चंपत राय और युवराज तुलसी पीठ आचार्य रामचंद्र दास भी उपस्थित रहे।

प्रांत प्रचारकों की कल से बैठक
चित्रकूट में ही अब संघ के प्रांत प्रचारकों की एक बैठक 9 जुलाई से 13 जुलाई तक बुलाई गई है। इसमें शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी चित्रकूट पहुंच गए हैं। बैठक में देशभर के सीनियर प्रचारकों को वर्चुअली जोड़ने का कार्यक्रम भी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनावों के साथ-साथ कोरोना की स्थिति और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, भैयाजी जोशी सहित राष्ट्रीय स्तर के कई पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में UP के सभी 6 प्रांतों के प्रांत प्रचारक भी मौजूद रहेंगे। बैठक में कोरोना के बाद RSS कार्यकर्ताओं की सक्रियता को लेकर भी खाका खींचा जाएगा क्योंकि लंबे समय से कार्यकर्ता इस तरह के शिविर और बैठकों से दूर ही रहे हैं।

UP में इन तीन पॉइंट्स पर चलाया जाना है बड़ा अभियान

  1. मोदी और योगी की छवि को पुख्ता किया जाएगा
    इस अभियान को बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य यही होगा कि जनता को समझाया जाए कि मोदी और योगी की वजह से ही आप सेफ हैं। जनता के बीच सबसे पहले संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जाएंगे। इसके बाद विधायक और सांसद जाएंगे और जनता को समझाएंगे कि यदि देश में मोदी और UP में योगी न होते तो हालात और बुरे होते।
  2. राष्ट्रवाद की भावना को उभारा जाएगा
    संघ और भाजपा कार्यकर्ता जनता को मोदी के नेतृत्व में कोरोनाकाल में मिली सफलता के बारे में बताएंगे। आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत देश में कैसे कम समय मे कोरोना की दो वैक्सीन बनाई गईं। DRDO ने कोरोना की दवा खोज ली, भारत ने अपने दम पर कोरोना टेस्टिंग किट बना ली। पूर्ण लॉकडाउन न करके कैसे गरीबों का ध्यान रखा गया और साथ ही अर्थव्यवस्था को कैसे बचाया गया। जनता को ये संदेश दिए जाएंगे। इसके अलावा केस बढ़ने पर सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाई, कम समय में हॉस्पिटल खोले गए।
  3. विपक्ष के उकसावे में न आएं, बयानबाजी से दूर रहें भाजपा नेता
    कोरोनाकाल में अपनों को खो चुके लोग काफी गुस्से में हैं। ऐसे में नेताओं से कहा गया है कि अगर वे जनता के बीच जाएं तो उनसे सिर्फ संवेदना जताएं, सरकार की बातों को उनके सामने रखें। जनता कोई आरोप लगाए तो पलटवार न करें। नेता ऐसा कोई बयान न दें, जिससे सरकार की छवि खराब हो। साथ ही विपक्ष के उकसावे में न आएं।

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