- आधार कार्ड या जनआधार कार्ड दिखाकर करवा सकेंगे मुफ्त इलाज
- सरकार का दावा, 1.10 करोड़ परिवारों को हर साल मिलेगा मुफ्त इलाज
आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए फेज का आज लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य बीमा योजना के नया फेज शुरू कर रहे हैं। यह योजना 1 सितंबर 2019 से चल रही है, कुछ नए प्रावधानों के साथ इसे फिर से लॉन्च किया जा रहा है। लाभार्थी को अस्पतालों में योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड या जनाधार कार्ड दिखाना होगा।
सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य बीमा योजना में सालाना 1.10 करोड़ परिवारों को मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जाएगा। योजना पर सरकार हर साल 1400 करोड़ रुपए वहन करेगी। योजना के तहत बीमा राशि बढ़ाई गई है, अब 3.30 लाख सालाना से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक का इलाज की सीमा गई है। सामान्य बीमारियों के लिए 50 हजार और गंभीर बीमारियों के लिए 4.50 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध होगा। योजना के तहत सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ इससे अटैच निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा। अस्पताल में भर्ती से 5 दिन पहले और डिस्चार्ज के 15 दिन बाद तक का मेडिकल खर्च भी मुफ्त पैकेज में शामिल किया गया है।
योजना के नए फेज में 1401 की जगह 1572 पैकेज शामिल होंगे। कुछ समय बाद इंटर स्टेट पोर्टिबिलिटी भी शुरू करने की भी तैयारी है, जिससे अन्य राज्यों में भी मुफ्त इलाज करवाया जा सकेगा। इस बार एन्टी फ्रॉड यूनिट का प्रावधान होगा जो अस्पतालों के भेजे गए क्लेम की मॉनिटरिंग व ऑडिट करेगी।
सीएम ने कहा, स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगी योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिसम्बर 2019 में निरोगी राजस्थान अभियान लागू किया। 30 जनवरी 2021 से आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण को लागू कर रहे हैं। यह एक ऐसी अभिनव पहल है जो प्रदेश की लगभग दो तिहाई आबादी की स्वास्थ्य रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगी। राज्य में पूर्व में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 98 लाख लाभार्थी परिवारों के साथ ही सामाजिक आर्थिक जनगणना (SECC 2011) के पात्र परिवारों को भी शामिल कर योजना का दायरा बढ़ाते हुए आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण में अब 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। इस योजना में वार्षिक प्रीमियम 1750 करोड़ रुपये का लगभग 80 प्रतिशत प्रीमियम जो 1400 करोड़ के आसपास है वह राज्य सरकार वहन करेगी।