मरीज के सांस स्तर को सुधारने में मददगार है प्रोनिंग,जिला कलक्टर ने किया स्टीकर का विमोचन

मरीज के सांस स्तर को सुधारने में मददगार है प्रोनिंग,जिला कलक्टर ने किया स्टीकर का विमोचन

बीकानेर@जागरूक जनता। जिला कलक्टर नमित मेहता ने शुक्रवार को प्रोनिंग प्रक्रिया की जानकारी से संबंधित स्टीकर का विमोचन किया।
इस अवसर पर मेहता ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने यह सलाह दी गई है कि जिन कोविड मरीजों को सांस संबंधी दिक्कत हो और आॅक्सीजन स्तर 94 से नीचे आ जाए तो वे प्रोनिंग (पेट के बल लेटकर) करें, जिससे उनके फेफड़ों में रक्त का संचार बेहतर होगा। आॅक्सीजन आसानी से पहुँच सकेगी, यह प्रक्रिया मरीज के सांस स्तर को सुधारने में काफी मददगार साबित होगी।
नगर निगम आयुक्त एएच गौरी ने कहा कि कोविड मरीज, पेट के बल (प्रोनिंग) लेटकर अपना आॅक्सीजन स्तर सुधार सकें, इसके मद्देनजर जागरुकता के उद्देश्य से नगर निगम द्वारा स्टीकर प्रकाशित किए गए हैं। निगम द्वारा यह स्टीकर आॅटो रिक्शा, वाहनों, दुकानों, चैराहों तथा प्रमुख स्थानों पर चस्पा करवाए जाएंगे, जिससे कोविड मरीजों में प्रोनिंग के माध्यम से आॅक्सीजन स्तर सुधारने की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेवराम धोजक, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरूण प्रकाश शर्मा मौजूद रहे।

*प्रोनिंग कैसे करें*

प्रोनिंग के लिए चार से पांच तकियों की जरूरत है। सबसे पहले रोगी बिस्तर पर पेट के बल लेटें। एक तकिया गर्दन के नीचे रखे। एक या दो तकिए छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें। दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रखें और ध्यान रखें इस दौरान कोविड रोगी को गहरी और लंबी सांस लेते रहना है। इस प्रक्रिया को 30 मिनट से 2 घंटे तक किया जा सकता है।

*ध्यान रखने योग्य बातें*

भोजन के तुरन्त बाद प्रोनिंग से बचें। प्रक्रिया को करते समय घावों और चोट को ध्यान में रखें। गर्भावस्था में महिला प्रोनिंग न करें। गंभीर कार्डियक रोग से ग्रस्त मरीज, स्पाइन से जुड़ी परेशानी हो या फिर पेल्विक फैक्चर हो तो प्रोनिंग करने से नुकसान हो सकता है।

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