- राजस्थान विधान सभा में “वंदे मातरम् दीर्घा” का उद्घाटन
- देवनानी ने कहा- संविधान सुरक्षित, इसे कोई खतरा नहीं, संविधान भारत की आत्मा, भविष्य और वर्तमान हैं

जयपुर @ jagruk janta। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि देश का संविधान सुरक्षित है। इसे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान भारत की आत्मा, भविष्य और वर्तमान है। दुनिया में भारत का संविधान ही ऐसा मजबूत संविधान है जिसके माध्यम से सत्ता का हस्तान्तरण शांतिपूर्ण तरीके से होता है। भारतीय संविधान की यह सबसे बड़ी विशेषता है। श्री देवनानी ने कहा कि वन्दे मातरम् केवल गीत ही नहीं है, यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, औपनिवेशिक दमन के विरुध प्रतिरोध और स्वाधीनता की सामूहिक चेतना का प्रभावी प्रतीक है। समय के साथ यह गीत जन सभाओं और सांस्कृतिक आयोजनों में भारत के स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणा शाक्ति बन गया है।

देश की विधान सभाओं में राजस्थान विधान सभा कदाचित ऐसी विधान सभा बन गई है, जहाँ वंदे मातरम् दीर्घा का निर्माण किया गया है- स्पीकर श्री देवनानी राजस्थान विधान सभा में बुधवार को संविधान दिवस पर आयोजित युवा संवाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। श्री देवनानी ने इस मौके पर विधान सभा के डिजिटल म्यूजियम में उनकी पहल से निर्मित वंदे मातरम दीर्घा का उद्घाटन किया। देश की विधान सभाओं में राजस्थान विधान सभा कदाचित ऐसी विधान सभा बन गई है, जहाँ वंदे मातरम् दीर्घा का निर्माण किया गया है। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी की सोच व परिकल्पना के अनुरूप राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के ऐतिहासिक पहलुओं को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष संविधान दिवस पर अध्यक्ष श्री देवनानी की पहल पर विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में संविधान दीर्घा का लोकार्पण किया गया। साथ ही विधान सभा परिसर में शौर्य वाटिका भी बनाई गई है।
युवा पीढी इसे जीवन शैली में अपनाकर ही संविधान निर्माताओं के प्रति सच्चा नमन कर सकते है – श्री देवनानी ने कहा कि संविधान दिवस राष्ट्रीय चेतना को आलौकित करने वाला ऐतिहासिक पर्व है। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल स्मृति दिवस नहीं है बल्कि जीवंत संकल्प, प्रतिज्ञा और प्रतिबद्धता का दिवस है। यह न्याय, स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व के मूल्यों को दृढ करने वाला दिवस है। श्री देवनानी ने युवाओं का आव्हान किया कि वे संविधान के मूल्यों को आत्मसात करें। युवा पीढी इसे जीवन शैली में अपनाकर ही संविधान निर्माताओं के प्रति सच्चा नमन कर सकते है। श्री देवनानी ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र है तो हम है। देश के प्रति विश्वास और श्रद्धा रखे। देश के लिए जिए। अधिकारों को मांगे लेकिन कर्तव्यों के निर्वहन के दायित्व से भी मुँह ना मोडे। पूरी क्षमता के साथ राष्ट्र हित का कार्य करें। भारत विश्व की महान शक्ति है। भारत विश्व गुरु है। यह सब भारतीय संविधान के कारण ही सम्भव है।
इस मौके पर उपस्थित संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि संविधान की मूल भावना में न्याय है। न्याय सभी को मिले। न्याय व्यवस्था में विश्वास करें। इसका स्वयं पालन करें और फिर दूसरों को कहे। समारोह में मौजूद नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली ने कहा कि संविधान की मजबूती बनाने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री जीएस गिल ने कहा कि संविधान राष्ट्र के लोगों की भावना है।
वन्दे मातरम दीर्घा – स्पीकर श्री देवनानी ने बताया कि सैंतीस पैनलों के माध्यम से वंदे मातरम के इतिहास और इससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियों का दीर्घा में समावेश किया गया है। उन्होंने कहा कि सन् 1875 में अक्षय नवमी के दिन वंदे मातरम की रचना, बंकिमचन्द्र ने इसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के लालगोला में लिखा, संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखे गए मूल गीत के चित्र सहित विभिन्न जानकारियां आमजन, युवा, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
दीर्घा लोगों के लिए प्रेरणादायी पहल- श्री देवनानी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा स्थित राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में वंदे मातरम् दीर्घा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय चेतना के इतिहास को नई दृष्टि से प्रस्तुत करने वाली एक प्रेरणादायी पहल है। दीर्घा बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित “वंदे मातरम्’ की मूल भावना को केंद्र में रखते हुए स्वदेशी आंदोलन, जन-आंदोलनों तथा क्रांतिकारियों की भूमिका को सजीव रूप में दर्शाती प्रतीत हो रही है। दीर्घा में गीत की मूल पंक्तियों, पांडुलिपि की प्रतिकृति और उस समय के राजनीतिक-सांस्कृतिक परिवेश का सुव्यवस्थित प्रदर्शन किया गया है। इससे आगंतुकों को स्वतंत्रता संग्राम के दौर की भावनाओं का अनुभव हो सकेगा। वंदे मातरम् के भावपूर्ण संगीत तथा आंदोलन से जुड़े दुर्लभ फोटोग्राफ़, पत्र, भाषण और वीडियो सामग्री भी दीर्घा में शामिल की गई है।
श्री देवनानी ने बताया कि वंदे मातरम् दीर्घा का उद्देश्य नई पीढ़ी को यह संदेश देना है कि मातृभूमि के प्रति प्रेम, कर्तव्य और संवैधानिक निष्ठा ही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। यह दीर्घा इतिहास, संस्कृति और संसदीय मूल्यों का एक अद्वितीय संगम बनकर राजस्थान विधानसभा की गरिमा को और अधिक समृद्ध करेगी।
राजनैतिक आख्यान संग्रहालय के प्रवेश पथ पर राजस्थान के भित्ति चित्र- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने राजस्थान विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय के प्रवेश पथ को राजस्थान की कला, संस्कृति के अनुरूप भित्ति चित्रों के माध्यम से नये सिरे से तैयार कराया है। राजस्थान के महापुरुष, कलाकृतियां, लोक कला, लोक नृत्य, राष्ट्रीय पक्षी, राज्य पशु के साथ यहां के पारंपरिक हाथी, घोडे सहित राज्य की कला और संस्कृति को समेटे हुये भित्ति चित्रों के माध्यम से प्रवेश पथ को बनाया गया है।
- डॉ. लोकेश चन्द्र शर्मा


