राहुल गांधी ने आज पुणे की एमपी, एमएलए कोर्ट में कहा कि उनकी जान को खतरा है और उन्हें सुरक्षा दी जाए। दरअसल वीर सावरकर मानहानि केस से यह पूरा मामला जुड़ा हुआ है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 13 अगस्त को पुणे की एक कोर्ट से कहा कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए बताया कि हाल के राजनीतिक संघर्षों और शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के परिवारिक रिश्तों को देखते हुए उनकी जान को खतरा है। राहुल गांधी ने इसे लेकर प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन यानी संरक्षण देने की मांग की है। साथ ही एमपी, एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी ने अपील की है कि मानहानि केस की सुनवाई के दौरान उनकी सुरक्षा और निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर जो गंभीर आशंकाएं हैं, कोर्ट उस मामले में संज्ञान ले।
राहुल गांधी को अपनी जान का खतरा
राहुल गांधी ने एमपी, एमएलए कोर्ट में कहा कि उनकी जान को खतरा है, क्योंकि शिकायतर्ता सत्यकी सावरकर ने खुद को नाथूराम गोडसे का वंशज बताया है। राहुल गांधी ने इस दौरान ये भी कहा कि उनकी वंशावली का इतिहास हिंसक विचारधारा के लोगों से जुड़ा हुआ है, जिससे उन्हें नुकसान पहुंचाए जाने या फिर झूठे मामले में फंसाए जाने का डर है। इस कारण राहुल गांधी ने कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा देने की मांग की है, ताकि उनकी जान को कोई खतरा ना हो और मुकदमें की निष्पक्षता दोनों ही सुरक्षित रहें। कांग्रेस नेता ने अपने हाल ही के दिनों में दिए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं की नाराजगी और धमकियों का उन्हें सामना करना पड़ा है।
क्या है वीर सावरकर मानहानि केस
दरअसल मार्च 2023 में राहुल गांधी लंदन गए हुए थे। इस दौरान राहुल गांधी ने वीर सावरकर के बारे में बोलते हुए एक घटना का जिक्र किया। राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को लेकर सत्यकी सावरकर का कहना है कि राहुल गांधी ने झूठ बोला है और यह मानहानि है। शिकायत के मुताहिक, राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों से कहा था कि सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि वह और उसके पांच-छह दोस्त एक मुस्लिम व्यक्ति को पीट रहे थे और इस पर सावरकर को खुशी हुई थी। कोर्ट में राहुल गांधी के वकील मिलिंग पवार ने कहा कि सत्यकी सावरकर का संबंध सावरकर और गोडसे के परिवार से है। वह अपने परिवार के प्रभाव का गलत प्रयोग कर सकते हैं। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को होगी।