मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को प्रभावी मॉनिटरिंग कर तय समय सीमा में लोगों को सेवाएं प्रदान कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आर्य ने राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 को सही तरीके से लागू करने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता करते हुए वीडियाें कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को प्रभावी मॉनिटरिंग कर तय समय सीमा में लोगों को सेवाएं प्रदान कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आर्य ने राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 को सही तरीके से लागू करने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता करते हुए वीडियाें कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
आर्य ने इन अधिनियमों के तहत प्राप्त, निस्तारित एवं लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि पुराने प्रकरणों का निस्तारण करने में अच्छा कार्य हुआ है, लेकिन हमें इसमें और प्रभावी कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा कर समय सीमा से बाहर के लम्बित सभी प्रकरणों को निस्तारित करते हुए इनकी संख्या शून्य करें। उन्होंने अधिनियमों का प्रभावी क्रियान्वयन कर सशक्त बनाने के लिए निरीक्षण व्यवस्था और व्यापक बनाने तथा लम्बित प्रकरणों की नियमित समीक्षा एवं मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में सेवाओं की ऑनलाइन प्रदायगी एवं मॉनिटरिंग के लिए वेब पोर्टल के विकास, अधिनियमों में नवीन सेवाएं जोड़ने, हटाने एवं संशोधन करने तथा सेवा मुहैया कराने की समय सीमा में आवश्यक बदलाव करने पर भी मंथन किया गया। कुछ सेवाओं को एक विभाग से दूसरे विभाग को स्थानान्तरित करने और सिटिजन चार्टर एवं जॉब चार्ट बनाकर पोर्टल पर प्रदर्शित करने पर भी चर्चा की गई।
संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों ने इस संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अश्विनी भगत एवं लोक सेवाओं के निदेशक हरजीलाल अटल उपस्थित थे। इन सेवाओं से जुड़े विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव वीडियाें कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए।