राजधानी जयपुर में ‘रिश्वत के बदले अस्मत’ का मामला, सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएगा प्रतिपक्ष, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा, ‘ये सदन का अपमान’, संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने आरोपी को बर्खास्त करने की कही थी बात, मगर आरोपी पुलिस अफसर को दी गई अनिवार्य सेवानिवृति, अब अगले सत्र में भाजपा लाएगी विशेषाधिकार प्रस्ताव
जयपुर। रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में अब सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं। सदन में 15 मार्च को सरकार की ओर से आरोपी कैलाश बोहरा को बर्खास्त किए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन बाद में उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। अब इस मामले में भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
सरकार ने किया सदन का अपमान: कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि सदन के अंदर सरकार की ओर से इस मामले को ‘रेयर ऑफ़ द रेयरेस्ट’ केस बताया गया था। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने आरोपी कैलाश बोहरा को धारा 311 के तहत बर्खास्त करने की घोषणा की थी। लेकिन जब आदेश निकले तब कैलाश बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। ऐसे में सरकार की कार्यशैली से सदन का अपमान हुआ है, जो चिंता का विषय है।
कटारिया ने कहा कि इस गंभीरतम मामले में सरकार की कथनी और करनी में अंतर दिख रहा है। ऐसे में प्रतिपक्ष अब इस मामले सदन की आगामी कार्यवाही में विशेषाधिकार प्रस्ताव लेकर आएगी।