टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में मुन्ना कुरैशी और वकील खान ने अहम भूमिका निभाई। आइए जानते है कुरैशी और खान के बारे में।
नई दिल्ली. उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे सभी 41 मजदूरों का बाहर निकाल लिया गया है। इसके बाद पूरे देशभर में खुशी की लहर फैल गई। पीएम मोदी समेत देश के लोगों ने रेस्क्यू टीम से जुड़े सभी बचावकर्मियों की मेहनत और धैर्य की जमकर प्रशांस कर रहे हैं। सभी लोगों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि इस मिशन में शामिल सभी लोगों ने मानवता और टीम वर्क का अद्भुत उदाहरण पेश किया। कई सरकारी एजेंसियां अपने विशाल बलों के साथ सुरंग के अप्रत्याशित इलाके में 24X7 तैनात थीं। टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में मुन्ना कुरैशी और वकील खान ने अहम भूमिका निभाई। आइए जानते है कुरैशी और खान के बारे में।
कौन हैं मुन्ना कुरेशी?
मुन्ना कुरेशी 29 वर्षीय चूहे-छेद खनिक है जो दिल्ली की एक कंपनी में काम करता है। यह एक ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सेवा कंपनी सीवर और पानी की लाइनों को साफ करती है। वह उन दर्जनों रैट-होल खनिकों में से एक थे जिन्हें आखिरी 12 मीटर मलबा हटाने के लिए सोमवार को उत्तराखंड लाया गया था।
क्या होता है रैट-होल खनन
अमेरिका निर्मित बरमा मशीन के खराब हो जाने के बाद सुरंग से निकाले जाने के बाद रैट-होल खनिक बचाव अभियान का अंतिम सहारा थाी। रैट-होल खनन छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला निकालने की एक विधि है। अवैज्ञानिक होने के कारण साल 2014 में इसे कोयला निकालने की विधि के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
41 लोगों से मिलने वाले पहले बचावकर्मी
मुन्ना कुरेशी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार शाम को आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए श्रमिकों को देखा। मुन्ना क़ुरैशी ने कहा, उन्होंने मुझे गले लगाया, तालियां बजाईं और मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।
वकील खान और माेेनू कुमार सहित ये भी रहे हीरो
मोनू कुमार, वकील खान, फ़िरोज़, परसादी लोधी और विपिन राजौत अन्य खनिक थे जो अपने कठिन ऑपरेशन के बाद फंसे हुए लोगों तक पहुंचे। सुरंग के अंदर मौजूद लोग सफलता का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, उन्हें देखते ही खुशी से झूम उठे और उन्होंने गले लगा लिया।