राजस्थान में जयपुर की विद्याधर नगर सीट पर तीन बार से भाजपा जीत का बिगुल बजा रही है। कांग्रेस ने यहां परिसीमन के बाद अब तक जीत का स्वाद नहीं चखा है।
जयपुर। राजस्थान में जयपुर की विद्याधर नगर सीट पर तीन बार से भाजपा जीत का बिगुल बजा रही है। कांग्रेस ने यहां परिसीमन के बाद अब तक जीत का स्वाद नहीं चखा है। इस बार चुनावी मैदान में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह के दामाद नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने सीट पर जीत बरकरार रखने के लिए जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी जैसे बड़े चेहरे पर दांव खेला हे। चेहरे और परम्परागत वोट बैंको से भाजपा जीत का रास्ता निकालने में लगी है। वहीं कांग्रेस ने यहां फिर से पुराने चेहरे सीताराम अग्रवाल पर भरोसा दिखा कर मैदान में उतारा है। सीताराम पिछली बार यहां पार्टी के बागी हुए विक्रम सिंह शेखावत को अपनी हार का बड़ा कारण मानते रहे हैं। इस बार शेखावत मैदान में नहीं है। इसलिए वे अपनी पांच साल सक्रियता और बगावत के दंश के ना होने से जीत की उम्मीद के साथ जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। हालांकि आप पार्टी के प्रत्याशी संजय बियानी से चिंता दोनों और है। वे यहां क्षेत्र के जाने-माने चेहरे हैं। वे भाजपा और कांग्रेस दोनो का जाति गत समीकरण बिगाडऩे की जुगत के साथ गली गली घूम आम लोगों को अपने साथ जोडऩे के प्रयास में है। दीया के परम्परागत और सीताराम के जातिगत वोटों में सेंधमारी कर रहे हैं। सीट पर बड़ा इलाका नए जयपुर का है। ऐसे में सीवरेज, पानी, बिजली, सड़क जैसी बड़ी समस्याएं नहीं है। प्रत्याशी नए कामों को लेकर अपना विजन रखकर वोटर्स को लुभा रहे हैं। अनेक वार्डों में स्थानीय लोगों से मूलभूत सुविधाओं का जिक्र करके उनकी नब्ज टटोलकर विकास का वादा कर रहे बियानी ने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। बियानी की सक्रियता के चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां नए समीकरण बनाने में जुटी है।