राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संविधान की भारतीय संस्कृति से प्रेरणा लेने का किया आह्वान

कानपुर के 51 विद्यार्थियों ने शिक्षकों सहित संविधान उद्यान का भ्रमण किया

जयपुर। कानपुर के विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म काॅलेज से आए 51 विद्यार्थियों ने सोमवार को राजभवन में संविधान उद्यान का भ्रमण कर राज्यपाल श्री कलराज मिश्र से मुलाकात की। राज्यपाल श्री मिश्र ने इस दौरान विद्यार्थिों को संविधान की भारतीय संस्कृति में निहित उदात्त मूल्यों से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च विधान ही नहीं है बल्कि यह मानवीय अधिकारों के साथ कर्तव्यों की सीख देने वाला पवित्र ग्रंथ है। उन्होंने संविधान की भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि संविधान की मूल प्रति पर शांतिनिकेतन के कलाकार नंदलाल बोस और उनके साथी कलाकारों ने जो चित्र उकेरे हैं, वह हमारी धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक विरासत के साथ ही अध्यात्म के भारतीय दर्शन का एक तरह से सार है। उन्होंने विद्यार्थियों से समानता, सर्वधर्म सद्भाव और सहिष्णुता के संवैधानिक गुणो को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति सभी नागरिक प्रतिबद्ध होकर कार्य करेंगे तभी भारत फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो सकेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को खूब पढ़ने और जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री सुबीर कुमार भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर कानपुर के विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म काॅलेज के समन्वयक प्रो. राम किशोर त्रिपाठी और डॉ. राणा प्रताप ने बताया कि महाविद्यालय के यह छात्र—छात्राएं राजस्थान के जयपुर, अजमेर, पुष्कर, मकराना, सांभर और खाटूश्याम की यात्रा पर आए हैं। उन्होंने राजभवन में निर्मित संविधान उद्यान को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि शैक्षणिक दृष्टि से इसका बहुत अधिक महत्व है।

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