केकड़ी @ जागरुक जनता (विजेन्द्र पाराशर)। प्रदेश के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षकों की प्रतिनिधि संस्था पुरस्कृत शिक्षक फोरम राजस्थान के तत्वावधान में आगामी 6 अक्टूबर शुक्रवार को प्रदेश भर के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कृत शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी जयपुर में प्रदर्शन करेंगे। फोरम के महासचिव रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कृत शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के मामले में राजस्थान राज्य पिछड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारें अपने राज्य के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कार प्राप्ति के बाद सेवा वृद्धि, वेतन वृद्धि अथवा पदोन्नति का लाभ देती है। हमारे राज्य में राज्य के पुरस्कृत शिक्षकों को यह लाभ नही दिया जा रहा है। शर्मा ने प्रदेश भर के पुरस्कृत शिक्षकों से 6 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की। राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक दिनेश कुमार वैष्णव ने बताया कि पूर्व में राजस्थान सरकार द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षकों को 1974 से 1986 तक उनकी सेवानिवृत्ति के बाद 3 वर्ष की सेवा वृद्धि का लाभ दिया जाता था। उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में जारी सेवा वृद्धि के आदेश को पुनः लागू करने की मांग की। वैष्णव ने बताया कि 7 फरवरी 2011 को तत्कालीन राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर पुरस्कृत शिक्षकों को स्थानान्तरण पर उनके द्वारा प्रस्तावित विकल्पों में से किसी एक विकल्प पर पदस्थापित करने की घोषणा की थी। अब विभिन्न अवसरों पर शिक्षा विभाग में काउन्सलिंग के माध्यम से पदस्थापित करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। अतः पुरस्कृत शिक्षकों को काउन्सलिंग से पदस्थापन में भी प्राथमिकता देने की मांग की। पुरस्कृत शिक्षकों ने राजस्थान रोड़वेज की साधारण एवं द्रुतगामी बसों के साथ-साथ स्लीपर एवं एसी बसों सहित अन्य सभी श्रेणी की बसों में भी निःशुल्क यात्रा का लाभ देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि 4 अक्टूबर तक सरकार से अटकी हुई लम्बित घोषणाओं का लिखित में समाधान का आश्वासन नही मिलता है तो 6 अक्टूबर को प्रदेश भर के पुरस्कृत शिक्षक राजधानी जयपुर में प्रशस्ति पत्र को गले में लटकाकर प्रदर्शन करेंगे।