कैप्टन अमरिंदर ने BJP जॉइन की:पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय

चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार शाम भाजपा जॉइन कर ली। दिल्ली स्थित BJP मुख्यालय में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भाजपा की सदस्यता स्लिप और पटका पहनाकर कैप्टन को पार्टी में शामिल किया। कैप्टन के साथ उनके आधा दर्जन से ज्यादा पुराने साथी भी भाजपा में शामिल हुए। कैप्टन ने अपनी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ (PLC) पार्टी का विलय भी BJP में कर दिया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजू भी मौजूद रहे।

कैप्टन के साथ भाजपा में शामिल होने वालों में उनके बेटे युवराज रणइंदर सिंह, बेटी बीबा जयइंदर कौर, पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्‌टी, पंजाब महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती बलबीर राणा सोढ़ी, महलकलां की पूर्व एमएलए हरचांद कौर, अमृतसर साउथ के पूर्व एमएलए हरजिंदर सिंह ठेकेदार, मानसा के पूर्व एमएलए प्रेम मित्तल के अलावा अमरीक सिंह आलीवाल व केवल सिंह भी शामिल रहे।

भाजपा में शामिल होने के बाद कैप्टन ने भाजपा नेतृत्व का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब बॉर्डर स्टेट है और पंजाब से ताल्लुक रखने के नाते वह यहां की दिक्कतें जानते हैं। पाकिस्तान पंजाब को डिस्टर्ब करने की कोशिश करता रहता है। बॉर्डर पार से ड्रोन के जरिये हथियार और ड्रग की सप्लाई करता रहता है। ऐसे में यहां मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।

कैप्टन ने कहा कि वह बहुत पहले भाजपा जॉइन करने वाले थे मगर उन्हें अपनी स्पाइन के ऑपरेशन के लिए बाहर जाना पड़ा। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर आग्रह किया था कि वह ऑपरेशन करवाकर लौटने के बाद भाजपा जॉइन करेंगे।

पत्रकारों ने जब कैप्टन से पूछा कि अब वह BJP में आ गए हैं और हरियाणा में भी पार्टी की सरकार है तो सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर जैसे विवाद पर उनका क्या स्टैंड रहेगा? तो कैप्टन ने कहा कि वह हमेशा पंजाब हित की बात करेंगे क्योंकि उनके लिए पंजाब सबसे पहले है।

इससे पहले सोमवार सुबह कैप्टन ने नई दिल्ली में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद नड्‌डा के साथ अपनी फोटो कैप्टन ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की। इस मुलाकात में नड्‌डा ने कैप्टन को नई राजनीतिक पारी के लिए शुभकामनाएं दी। शाम तकरीबन साढ़े 5 बजे कैप्टन भाजपा मुख्यालय पहुंचे। यहां 6 बजे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया।

कैप्टन को भाजपा जॉइन कराने के बाद नरेंद्र तोमर ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्र को हमेशा सबसे ऊपर रखा है। भाजपा के लिए भी राष्ट्र सबसे पहले है। इस नाते कैप्टन और भाजपा की सोच एक ही है। भाजपा में कैप्टन को पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। किरन रिजीजू ने भी कहा कि कैप्टन को वह बहुत पहले से जानते हैं और देश हमेशा से उनके लिए सबसे ऊपर रहा है। इस मौके पर कांग्रेस में कैप्टन के पुराने साथी रहे सुनील जाखड़ और पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा भी मौजूद थे। जाखड़ पहले ही भाजपा जॉइन कर चुके हैं।

ज्यादातर नेता मालवा से

कैप्टन के साथ भाजपा जॉइन करने वाले ज्यादातर नेता मालवा इलाके से ताल्लुक रखते हैं। मालवा पंजाब का ग्रामीण इलाका है जहां भाजपा का खास जनाधार नहीं है। कैप्टन ने इन नेताओं के आने से मालवा एरिया में भाजपा के मजबूत होने का दावा किया। पंजाब में कांग्रेस में कैप्टन के साथी रहे कई नेता जैसे सुनील जाखड़, बलबीर सिद्धू, राजकुमार वेरका, राणा गुरमीत सोढ़ी, फतेह जंग सिंह बाजवा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुंदर शाम अरोड़ा, केवल ढिल्लों पहले ही भाजपा जॉइन कर चुके हैं।

जॉइन करने के बाद मिल सकती अहम जिम्मेदारियां

भाजपा पंजाब में पार्टी के पुनर्गठन की तैयारी कर रही है क्योंकि पंजाब भाजपा प्रधान अश्वनी शर्मा का कार्यकाल अगले कुछ महीनों में खत्म होने वाला है। ऐसे में BJP नेतृत्व कैप्टन और उनके करीबियों को पंजाब में अहम जिम्मेदारियां सौंप सकता है। जनवरी 2020 में पंजाब भाजपा इकाई के प्रधान बने अश्वनी शर्मा का 3 साल का कार्यकाल जनवरी-2023 में खत्म रहा है। वर्तमान विधानसभा में भाजपा के सिर्फ 2 विधायक हैं।

विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ चुके कैप्टन-BJP

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले साल नवजोत सिद्धू के मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान के साथ हुए टकराव के बाद पंजाब के CM पद से इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। उसके बाद उन्होंने ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ (PLC) पार्टी बनाई। इसी साल फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव में कैप्टन BJP के साथ गठजोड़ करके मैदान में उतरे। हालांकि, न वह खुद अपनी पटियाला सीट बचा पाए और न ही सूबे में उनका कोई दूसरा कैंडिडेट जीता।

मोदी-शाह से मीटिंग के बाद शुरू हुई चर्चाएं
कैप्टन अमरिंदर सिंह की PLC के भाजपा में विलय की चर्चाओं ने उस समय जोर पकड़ा, जब कैप्टन ने महीनेभर पहले दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तकरीबन पौने घंटे तक मीटिंग की थी। हालांकि, मीटिंग के बाद कैप्टन ने बाहर निकलकर पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) के BJP में विलय संबंधी सवाल को नकारते हुए इसे केवल अटकलें बताया था।

उसके बाद 30 अगस्त को अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। PM के साथ मीटिंग के बाद कैप्टन ने ट्विटर पर लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करके पंजाब के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके राज्य और देश की सुरक्षा के लिए संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया, जो हम दोनों के लिए हमेशा सर्वोपरि रहा है और रहेगा।

अकालियों से टूट चुका 24 साल पुराना गठबंधन
भाजपा का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ 24 साल से गठबंधन था, मगर मोदी सरकार के 3 खेती कानूनों के मुद्दे पर 26 सितंबर 2020 को शिरोमणि अकाली दल ने यह गठजोड़ तोड़ दिया। उस समय पंजाब BJP के नेता भी इस गठजोड़ को जारी रखने के हक में नहीं थे, क्योंकि अकालियों के साथ उनकी भूमिका हमेशा ‘छोटे भाई’ की रही। अकाली दल पंजाब विधानसभा की 117 में से BJP को सिर्फ 23 सीटें देता था।

अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद ​BJP ने खुद को ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रखते हुए कैप्टन और अकाली दल से अलग हुए सुखदेव ढींडसा की पार्टी SAD (संयुक्त) के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा। BJP ने 65, ढींडसा की पार्टी ने 15 और कैप्टन की PLC ने 37 सीटों पर कैंडिडेट उतारे। AAP की आंधी में BJP महज 2 सीटें जीत पाई और अपनी कई परंपरागत सीटें भी हार गई। कैप्टन और ढींडसा का कोई कैंडिडेट जीत नहीं सका।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत: मुंबई के बीजेपी दफ्तर में लगा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का पोस्टर, चर्चाएं तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने महाविकस अघाड़ी को...