इंदौर में नौकरी से निकाले जाने के बाद सात कर्मचारियों ने कंपनी के बाहर ही गुरुवार को सामूहिक रूप से जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। सभी कर्मचारियों को एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया है।
इंदौर। मध्य प्रदेश के औद्योगिक शहर इंदौर में नौकरी से निकाले जाने के बाद सात कर्मचारियों ने कंपनी के बाहर ही गुरुवार को सामूहिक रूप से जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। सभी कर्मचारियों को एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी इलाजरत होने की वजह से कर्मचारियों के बयान नहीं लिए जा सके हैं। कंपनी के दोनों मालिक फरार बताए जा रहे हैं।
अभी तक की जानकारी के अनुसार, इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में स्थित अजमेरा वायर प्रॉडक्ट्स में काम करने वाले इन कर्मचारियों को प्रबंधन ने काम न होने की बात कहकर पिछले कुछ महीनों से सैलरी भी नहीं दी थी और बुधवार को इन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज सुबह सातों कर्मचारी फैक्ट्री पहुंचे और मालिकों से मिलने की जिद करने लगे। जब मालिकों ने मिलने से इनकार कर दिया तो उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया।
जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उनके नाम जमनाधर विश्वकर्मा, दीपक सिंह, राजेश मेमियोरिया, देवीलाल करेडिया, रवि करेड़िया, जितेंद्र धमनिया और शेखर वर्मा हैं। इस वारदात के बाद कंपनी के दोनों मालिक रवि बाफना और पुनीत अजमेरा अपने ऑफिस, घर या ज्ञात किसी भी ठिकाने पर पुलिस को नहीं मिले।
पुलिस ने बताया कि अभी आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि इन लोगों को नौकरी से क्यों निकाला गया था। पुलिस का कहना है कि कंपनी के अन्य कर्मचारियों और प्रबंधन से पूछताछ करने के बाद ही आत्महत्या के प्रयास के बारे में कुछ भी कहा जा सकता है। पुलिस ने बताया कि रवि बाफना और पुनीत अजमेरा के लोकेशन के बारे में कंपनी के अधिकारियों और परिवार के लोगों ने कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों किसी अज्ञात स्थान पर जाकर छुप गए हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि दोनों मालिकों ने दो अन्य जगहों पर फैक्ट्रियां डाली थीं और उन्होंने यहां प्रॉडक्शन बंद कर दिया था। ऑर्डर होने के बाद भी यहां काम नहीं करवाया जा रहा था। इसी वजह से अजमेरा वायर में कर्मचारियों की छंटनी की गई। यहां कर्मचारियों पर काफी दिन से काम छोड़ने को लेकर दबाव भी बनाया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले में जांच की जा रही है। बयान के बाद मालिकों पर कर्मचारियों प्रताड़ित करने का केस भी किया जा सकता है।