जयपुर। कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चल रही बहस के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राहुल गांधी की पैरवी की है। गहलोत ने राहुल गांधी से अध्यक्ष पद स्वीकार करने की मांग की। गहलोत ने कहा- अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इस प्रदेश में और कांग्रेस के लोगों में निराशा आएगी। कई लोग घर बैठ जाएंगे। उन लोगों को तकलीफ होगी। राहुल गांधी को चाहिए कि वे आम कांग्रेसजन की भावना को समझे। पूरे देश की भावना है कि उनको यह पद स्वीकार करना चाहिए। गहलोत कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
गहलोत ने कहा- मैंने पहले भी कहा था कि एआईसीसी में 250 नेता बैठे थे। 6 ग्रुप बने थे। एक के बाद एक सब से बात हुई। उसमें सभी प्रदेशों के अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री रह चुके नेता एआईसीसी के महासचिव शामिल रहे थे। सभी से वन टू वन बात हुई। उन सब ने कहा- राहुल गांधी को वापस बनना चाहिए। सबकी राय एक तरफा एक जैसी है। फिर उनको अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए।
गांधी-गैर गांधी का सवाल नहीं, कोई पीएम थोड़े ही बने रहे हैं
गैर गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- गांधी और गैर गांधी की बात नहीं है। यह संगठन काम है, कोई पीएम नहीं बन रहा है। 32 साल से गांधी परिवार का कोई नेता प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं बना। फिर मोदीजी इस परिवार से डरते क्यों हैं? केजरीवाल को कहना पड़ रहा है कि 75 साल से कुछ नहीं हुआ। सब लोग कांग्रेस पर ही क्यों अटैक करते हैं। इसका कारण यही है कि कांग्रेस का डीएनए और देश का डीएनए एक है। कांग्रेस पूरे देश को साथ लेकर चली है। गहलोत से जब उनका नाम अध्यक्ष के लिए चलने की चर्चाओं पर पूछा तो सीधा जवाब नहीं दिया।
गहलोत खुद अध्यक्ष बनने से इनकार कर चुके हैं
कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पहले चर्चाएं थीं, लेकिन वे इससे साफ इनकार कर चुके हैं। पिछले दिनों गहलोत ने अध्यक्ष बनने से साफ इनकार करते हुए कहा कि मैं न कह रहा हूं। मुझे अध्यक्ष नहीं बनना है, मेरे अध्यक्ष बनने का बनता नहीं है। वास्तव में ऐसी परिस्थिति आ जाए कि मेरे बनने के बाद पार्टी में सब कुछ ठीक हो जाएगा। गहलोत के इनकार के बाद सियासी हलकों में यह माना जा रहा है कि वे राजस्थान नहीं छोड़ना चाहते।