राजस्थान की गहलोत सरकार ने दर्जा प्राप्त मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोत्तरी की है। जिन्हें कैबिनेट स्तर का मंत्री दर्जा प्राप्त हुआ है उनका वेतन 45 हजार से 65 हजार कर दिया गया है।
जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने दर्जा प्राप्त मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोत्तरी की है। जिन्हें कैबिनेट स्तर का मंत्री दर्जा प्राप्त हुआ है उनका वेतन 45 हजार से 65 हजार कर दिया गया है। उनका सत्कार भत्ता 34000 से बढ़ाकर 55000 कर दिया है। कैबिनेट सचिवालय ने आदेश जारी किए है। आदेश के अनुसार राज्य में गठित विभिन्न आयोग, निगम, बोर्ड और समितियों में पदस्थापित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जिन्हें मंत्री, राज्यमंत्री और उपमंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया हुआ है, जिनके वेतन एवं सत्कार भत्ते में बढ़ोतीर की जाती है। जिन्हें कैबिनेट स्तर का मंत्री दर्जा प्राप्त हुआ है उनका वेतन 45 हजार से 65 हजार कर दिया गया है। जबकि उनका सत्कार भत्ता 34000 से बढ़ाकर 55000 कर दिया गया है। जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है। उनका वेतन 42000 से 62000 कर दिया गया है। उनका सत्कार भत्ता 34000 के बजाय 55000 कर दिया गया है। उपमंत्री का दर्जा जिन्हें मिला हुआ है। उनका वेतन अब 40 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया गया है। उनका सत्कार भत्ता 30 हजार के बजाय 40 हजार कर दिया गया है। इनके अतिरिक्त शेष सुविधाएं 30 नवबंर 2012 के आदेश के अनुसार यथावत रहेंगी।
राज्य में 27 राज्यमंत्री और 3 कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री है
राज्य में 27 राज्यमंत्री और 3 कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री है। दरअसल, राजनीतिक नियुक्तियां प्राप्त कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लंबे से समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वेतन कम होने के कारण मिलने आने वाले कार्यकर्ताओं की सही ढंग से आवभगत भी नहीं हो पाती थी। पिछले दिनों दर्जा प्राप्त मंत्रियों ने सीएम गहलोत के सामने यह मसला उठाया था। जिसके बाद सीएम गहलोत ने वेतन एवं भत्तों में बढ़ोतरी करने करने की स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट सचिवालय के आदेश के अनुसार दर्जा प्राप्त मंत्रियों के पहले से मिल रहीह सुविधाओं में किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी।
राजनीतिक नियुक्ति प्राप्त नेताओं को होगा फायदा
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पायलट गुट की अदावत के बाद राजनीतिक नियुक्तियां की गई है। राजनीतिक नीतियों को दो बड़ी सूचिया जारी हो चुकी है। जबकि तीसरी सूची का इंतजार है। गहलोत और पायलट गुट के विभिन्न नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में ए़डजस्ट किया गया है। विभिन्न बोर्ड और निगमों में नियुक्तियां दी गई है। इन्हें मंत्री स्तर का दर्जा दिया दिया गया है। हालांकि सीएम सलाहकार पद को मंत्री स्तर का दर्जा नहीं दिया गया है। इसलिए गहलोत के सलाहकारों को इन सुविधाओं को लाभ नहीं मिलेगा। राज्य में अभी भी कांग्रेस कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों की एक ओर सूची का इंतजार कर रहे हैं।