- ATS और SOG ने राजस्थान में वर्ष 2014 में सिमी की स्लीपर सेल का किया था पर्दाफाश
- पकड़े गए सभी 13 युवक इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स थे, मामले में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह करवाए
- इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े प्रकरण का 7 साल बाद आया फैसला
जयपुर। राजस्थान में प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़ी आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के मामले में जयपुर में जिला एवं सेशन कोर्ट ने मंगलवार को 12 आरोपी आतंकियों को दोषी करार दिया है। यह फैसला जिला जज उमाशंकर व्यास ने सुनाया। कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है। ये आतंकी मंगलवार को फैसले के दौरान एक बस से भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर तक लाए गए।
राजस्थान में सिमी की स्लीपर सेल से जुड़ा यह पूरा मामला करीब सात साल पुराना है। दिल्ली में गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर राजस्थान में ATS और SOG की टीमों ने 2014 में जयपुर, सीकर व अन्य जिलों में 13 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था। ये सभी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स थे। इन पर आरोप था कि ये युवक प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े है और राजस्थान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बम बनाने सहित कई अन्य काम चुपचाप कर रहे है।
तब ATS ने यह भी दावा किया था कि सिमी की स्लीपर सेल को एक्टिव करने के लिए जयपुर से गिरफ्तार हुए मारुफ के रिश्तेदार उमर ने इंटरनेट के जरिए संपर्क कर इन युवकों को संगठन से जोड़ा था। इसके बाद ये युवक एक्टिव होकर आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो गए।
वे आतंकी साजिश को अंजाम दे पाते। इसके पहले ही ATS व SOG ने इस स्लीपर सेल से जुड़े 13 युवकों को धरदबोचा। पिछले सात साल से मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। जानकारी के अनुसार इस केस में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह और 506 दस्तावेजी साक्ष्य कोर्ट में पेश किए है। इसमें लोक अभियोजक लियाकत खान ने पैरवी की।