नई दिल्ली। महंगाई और होम लोन की दरें बढ़ने के बावजूद अप्रैल-जून तिमाही में हाउसिंग सेक्टर उफान पर रहा। देश के 7 बड़े शहरों में 84,930 मकान बिके और 82,150 घरों के प्रोजेक्ट लॉन्च हुए। यह 2015 के बाद जून तिमाही में हाउसिंग सेक्टर का सबसे अच्छा परफॉर्मेंस है।
बुधवार को जारी एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक बीती तिमाही सालाना आधार पर मकानों की बिक्री 246% और नई लॉन्चिंग 127% बढ़ी। मझोले आकार के मकान और प्रीमियम सेगमेंट यानी 40 लाख से 1.5 करोड़ रुपए तक के मकानों की बिक्री सबसे ज्यादा हुई। कुल बिक्री में इनकी हिस्सेदारी (33%+29%) 62% रही। वहीं किफायती मकानों की हिस्सेदारी 20% रही।
मैनुफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ने के चलते 4% से 7% तक बढ़ी कीमत
एनारॉक के मुताबिक जून तिमाही में मकानों के दाम 4-7% बढ़े। सीमेंट और स्टील जैसे कच्चे माल और लेबर कॉस्ट बढ़ना इसकी वजह रही। इसके अलावा होम लोन की दरें बढ़ने से भी कंस्ट्रक्शन लागत बढ़ी है।
अफोर्डेबलिटी कुछ कम हुई, पर अब भी आकर्षक
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि दो बार नीतिगत दरें बढ़ाए जाने के बावजूद अफोर्डेबलिटी आकर्षक है। हाउसिंग सेक्टर रफ्तार पकड़ रहा है, लेकिन महंगाई पर लगाम लगाने के उपायों पर नजर रखनी होगी।
रियल एस्टेट सेक्टर का सेंटिमेंट भी पॉजिटिव
बदलते आर्थिक हालात के चलते रियल एस्टेट सेक्टर का मौजूदा और फ्यूचर सेंटिमेंट स्कोर तिमाही आधार पर हल्का गिरने के बावजूद पॉजिटिव बना हुआ है। जून तिमाही के लिए नाइट फ्रैंक-नारेडको का रियल एस्टेट सेंटिमेंट इंडेक्स 62 पर आ गया, जो मार्च तिमाही में 68 पर था। वैसे अप्रैल-जून के बीच रियल एस्टेट डेवलपर्स का सेंटिमेंट तिमाही दर तिमाही आधार पर बेहतर हुआ है।
नाइट फ्रेंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने कहा, ‘कुछ तिमाहियों से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आई है। ब्याज दरें और प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने के बावजूद मांग बरकरार है। इसके चलते सेक्टर के लिए पॉजिटिव आउटलुक नजर आ रहा है।’