शिक्षा विभाग की सूची में पूरे प्रदेश में पहले पायदान पर होना चाहिए राजेश लवानिया का नाम
अलवर। जयपुर संभागीय आयुक्त व सीनियर IAS डॉ. समित शर्मा ने संभाग स्तर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अलवर के थर्ड ग्रेड टीचर से कहा कि आपका काम और प्रेजेंटेशन एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है। इसे देखकर तो मेरे मन में इच्छा जागृत हो गई कि काश हम भी छोटे होते और ऐसे ही स्कूल में पढ़ते। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही डिवीजनल कमिश्नर समित शर्मा ने कह दिया कि बहुत बढ़िया लवानिया साहब। आपका काम व प्रेजेन्टेशन अक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है। मैं अभी यह कहता हूं कि हमारी तरफ से पूरे स्टेट की शिक्षा विभाग की सूची में आप नम्बर वन पर हैं। आगामी 15 अगस्त को राज्यपाल व मुख्यमंत्री से सम्मानित होने वालों में भी आपका नाम सबसे पहले ही भेजना तय कर लिया है।
स्कूल के गेट व खिड़की भी बच्चों को पढ़ा रहे
असल में 15 फरवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंस संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने ली थी। इस दौरान उन्होंने अलवर के उमरैण के बतौर इंजीनियर कार्यरत राजेश लवानिया के प्रयासों से बनाए गए सरकारी स्कूल भवनों का प्रेजेंटेशन देखा था। इसके बाद उन्होंने इतनी बातें कही।

राजेश लवानिया का मूल पद थर्ड ग्रेड टीचर है। लेकिन, बीच में उनको सर्व शिक्षा अभियान के बतौर इंजीनियर काम करने का मौका मिला था। उसके बाद से उन्होंने अलवर जिले में करीब 100 सरकारी स्कूल भवन बनाए हैं। अधिक स्कूल भवनों की थीम चाइल्ड फैंडली रखी है। मतलब स्कूल का मुख्य गेट हो या दीवार, खिड़की हो दरवाजे। हर चीज से विद्यार्थी कुछ न कुछ सीखेगा। इससे बच्चों का इतना मन लगता है कि उनका खुद स्कूल आने का मन करता है। इसी थीम पर उनके किए गए कार्य को संभागीय आयुक्त ने प्रेजेंटेशन के जरिए देखा था।