वक्फ बोर्डों की संपत्ति का डेटा संग्रहण और प्रबंधन के लिए शुरू हुआ ‘उम्मीद पोर्टल’-राज्यसभा सांसद मदन राठौड़

राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में दी जानकारी

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक फैसले के बाद वक्फ बोर्डों की संपत्ति का डेटा संग्रहण और प्रबंधन के लिए 6 जून 2025 को उम्मीद केंद्रीय पोर्टल शुरू किया गया है। पोर्टल शुरू करने के साथ ही देशभर में राज्यों द्वारा वक्फ संपत्तियों का डेटा अपडेट करना भी शुरू कर दिया। यह पोर्टल वक्फ़ संपत्तियों के बेहतर, पारदर्शी, सक्षम और सुविधाजनक प्रबंधन में क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम साबित होगा। यह जानकारी राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन ​रीजीजू ने सदन में दी।

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि एकीकृत वक्फ प्रबंधन,दक्षता, सशक्तिकरण और विकास अधिनियम के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने ”उम्मीद केंद्रीय पोर्टल—2025” को शुरू किया। पोर्टल शुरू करने के साथ ही महज डेढ़ माह में राज्यों ने इस पर डेटा अपडेट करना शुरू कर दिया। इस पोर्टल पर आंध्र प्रदेश, दिल्ली,राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने डेटा अपडेट करना शुरू दिया। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के उपयोग से वक्फ़ संपत्ति का गुपचुप तरीके से दुरुपयोग रुकेगा। पहले जानकारी के अभाव में मुट्ठी भर लोगों के अलावा किसी को पता ही नहीं होता था कि कौन-कौन सी संपत्ति वक्फ की है। अब सभी को सब पता रहेगा। मंत्रालय पोर्टल शुरू करने के साथ—साथ इसका फॉलोअप भी करेगा। सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल, राज्यों के वक्फ बोर्ड और मंत्रालय की तकनीकी टीम ने इस पोर्टल को समावेशी बनाने में कड़ी मेहनत की है।

सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि उम्मीद पोर्टल और डाटाबेस, रिकॉर्ड पर आने वाली प्रत्येक वक्फ संपत्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या को स्वचालित रूप से उत्पन्न करेगा। इसका उपयोग भविष्य के सभी संदर्भों और संपत्तियों की ट्रैकिंग व निगरानी के लिए किया जाएगा। अधिसूचित नियमों के अनुसार, मुतवल्ली अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल का उपयोग करके पोर्टल और डाटाबेस पर इन्हें नामांकित करेंगे। अगर किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ घोषित करने की शिकायत मिलती है, तो जिला कलेक्टर से संदर्भ प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर नामित सरकारी अधिकारी को जांच पूरी करनी होगी।

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