बीकानेर@जागरूक जनता। अदब-सराय द्वारा उर्दू के वरिष्ठ शाइर मौलाना अब्दुल वाहिद ‘अशरफ़ी’ के दो ग़ज़ल संग्रहों नख़्ले-सहरा उर्दू ग़ज़ल संग्रह एवं राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘बनके ख़ुश्बू बिखर गया कोई’ का लोकार्पण समारोह शनिवार को स्थानीय नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम, नागरी भंडार, स्टेशन रोड में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि शिक्षा, कला, साहित्य एवं पुरातत्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला कहा कि मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी की शायरी दिलों में उतर जाती है। आप अपने शे’रों के माध्यम से अपने दौर के हालात को बेहतरीन तरीके से पेश करते हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा की मौलाना साहब की शायरी में क़ौमी एकता और सामाजिक समरसता की झलक नजर आती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर के उर्दू शाइर समालोचक डॉ. मोहम्मद हुसैन ने करते हुए कहा कि मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी की शायरी में उनके एहसास-ओ-जज़्बात की तर्जुमानी नजर आती है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष हाजी मक़सूद अहमद ने कहा कि अब्दुल वाहिद अशरफी़ उर्दू शायरी के साथ इल्मो-अदब की पिछले पांच दशकों से बेहतरीन ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं।
कार्यक्रम आयोजक कासिम बीकानेरी ने कहा कि मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी उर्दू अदब के साथ हिंदी ज़बान में भी बेहतरीन कलाम कहते हैं। आपकी शायरी आसान ज़बान में होती है जो आम आवाम द्वारा ख़ूब पसंद की जाती है।
लोकार्पित कृतियों में उर्दू ग़ज़ल संग्रह नख़्ले-सहरा पर डॉ.ज़ियाउल हसन क़ादरी ने पत्र वाचन किया जबकि हिंदी ग़ज़ल संग्रह बनके ख़ुश्बू बिखर गया कोई पर शाइर अनुवादक क़ासिम बीकानेरी पत्र वाचन किया।
कार्यक्रम में सभी मेहमानों का माल्यार्पण, शॉल एवं स्मृति चिन्ह द्वारा सम्मान किया गया।
दोनों पत्रवाचकों सहित वरिष्ठ गायक कलाकार अनवर अजमेरी का माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह द्वारा सम्मान किया गया। समाजसेवी नेमचंद गहलोत ने अब्दुल वाहिद अशरफी का सम्मान किया।
कार्यक्रम में मधु आचार्य आशावादी, राजेंद्र जोशी, नेमचन्द गहलोत, मोनिका गौड़, डॉ.चंचला पाठक, सीमा भाटी, इंजीनियर सैयद कासम अली, संजय सांखला, अनवर अजमेरी, जुगलकिशोर पुरोहित,एडवोकेट अनवर अली, सैयद अख्तर अली,इसरार हसन क़ादरी, प्रमोद कुमार शर्मा,डॉ. फ़ारूक़ चौहान, मुनींद्र अग्निहोत्री हरीश बी शर्मा, वली गौरी, सागर सिद्दीकी, आत्माराम भाटी, डॉ मिर्जा हैदर बेग, एम. रफीक कादरी, उस्मान हारुन, प्रमिला गंगल, शारदा भारद्वाज, शैख़ लियाकत अली, शाहिद खान,माजिद ख़ान गौरी, डॉ. अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार, इस्माइल ख़ान, बुल्ले शाह सहित बीकानेर एवं झुंझुनू के अनेक लोग मौजूद थे |
इस अवसर पर अब्दुल वाहिद अशरफ़ी ने दोनों लोकार्पित कृतियों में से चुनिंदा कलाम पेश कर के श्रोताओं से भरपूर वाहवाही लूटी।
आयोजक संस्था द्वारा अब्दुल वाहिद अशरफ़ी का अभिनंदन पत्र, शॉल, स्मृति चिन्ह एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया गया।
आभार मोहम्मद इस्हाक़ गौ़री ने ज्ञापित किया जबकि कार्यक्रम का संचालन युवा शायर इरशाद अज़ीज़ ने किया।
अब्दुल वाहिद ‘अशरफ़ी’ के दो ग़ज़ल संग्रहों का विमोचन हुआ
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