लेप्रोस्कोपी से निकाली कैंसर की गांठ,नहीं लगाना पड़ा चीरा
जागरूक जनता नेटवर्क
जयपुर। अगर आप ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर से पीड़ित है तो आपके लिए यह जरूरी खबर है। राजस्थान के सबसे बड़े हॉस्पिटल सवाई मानसिंह में इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के लिए एडवांस टैक्नॉलोजी की लेप्रोस्कोपी (दूरबीन विधि) से इसका इलाज करना शुरू कर दिया है। राज्य में इस तकनीकी से इस बीमारी का इलाज केवल सवाई मानसिंह में ही किया जा रहा है।
एसएमएस की सीनियर प्रोफेसर और जनरल सर्जरी विभाग की यूनिट हेड डॉक्टर ऋचा जैन ने बताया कि बाड़मेर निवासी देवकी देवी (55) कई दिनों से स्तन में गांठ होने से परेशान थी। जब वे दिखाने हॉस्पिटल पहुंची तो सभी तरह की जांचों के बाद उनका इस तकनीक से इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से मरीज के काँख (बगल) में बड़े से चीरे की बजाए 3 छोटे-छोटे छेद किए जिनसे कैमरा तथा अन्य उपकरण डालकर सर्जरी की जाती है । बाद में इन्ही छेदो से स्तन में मौजूद गांठ को भी बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य है और उन्हे ऑपरेशन बाद जो कॉम्प्लीकेशन आते थे, वह भी नहीं आए। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी टीम में डॉ. फारूख खान, डॉ. सावरमल, डॉ. मयंक, डॉ. राहुल और डॉ. आकाश भी मौजूद रहे।
ऑपरेशन बाद होती थी परेशानी
अभी तक इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के इलाज में एक बड़ा चीरा (5 से 5 सेमी. तक) लगाकर ऑपरेशन किया जाता है। इससे महिलाओं को आपरेशन के बाद बड़ा घाव होने, आपरेशन बाद दूसरी कॉसमेटिक समस्या आती है, लेकिन इस तकनीक से ऑपरेशन पर न तो चीरा लगता है और न ही ऑपरेशन बाद किसी तरह की परेशानियां आती है। डॉ. जैन इस नई तकनीक से इस बीमारी का इलाज करने वाली पहली डॉक्टर है। इस तकनीक से डॉक्टर जैन ब्रेस्ट कैन्सर के अलावा फाइब्रोएडिनोमा (एक तरह की गांठ), सिस्ट सहित आदि बीमारीयों का भी इलाज कर रही है।
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