जीएसटी काउंसलिंग मीटिंग में करदाताओं को राहत,जीएसटी नियमों में हुआ बदलाव

जीएसटी काउंसलिंग मीटिंग में करदाताओं को राहत,जीएसटी नियमों में हुआ बदलाव

बीकानेर@जागरूक जनता। जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं कानूनी सलाहकार एडवोकेट गणेश शर्मा ने बताया कि दिनांक 28.05.2021 को 43वीं जीएसटी काउंसलिंग मीटिंग में करदाताओं को जीएसटी नियमों में विशेष रूप से रिटर्न देरी से प्रस्तुत करने पर लगने वाले विलम्ब शुल्क की माफी योजना एवं अन्य राहत प्रदान की गई है। विलम्ब शुल्क माफी योजना की घोषणा करते हुए समस्त करदाताओं को रिटर्न जीएसटीआर 3 बी देरी से प्रस्तुत करने पर लगने वाले विलम्ब शुल्क में कमी करते हुए राहत प्रदान की गई है। यदि करदाता जुलाई 2017 से अप्रैल 2021 तक के मासिक/त्रैमासिक रिटर्न दिनांक 01 जून 2021 से 31 अगस्त 2021 तक की समायावधि में प्रस्तुत करता है उस स्थिति में विलम्ब कर दायित्व न होने पर अधिकतम 500 रूपये तक का विलम्ब शुल्क एवं कर दायित्व होने की स्थिति में अधिकतम 1000 रूपये का विलम्ब शुल्क प्रत्येक रिटर्न पर जमा करवाना होगा जो अब तक अधिकतम 10000 रूपये प्रति रिटर्न था। इसी प्रकार मार्च, अप्रैल एवं मई, 2021 के 3बी रिटर्न के लिए भी लेट फीस में राहत प्रदान की गई है जो इस प्रकार हैः-ऐसे करदाता जिनका टर्नओवर 5 करोड़ तक है को अपना मार्च 2021 को जीएसटीआर 3बी रिटर्न निर्धारित तिथि से 60 दिन के भीतर, अप्रैल 2021 को रिटर्न निर्धारित तिथि से 45 दिनों के भीतर एवं मई 2021 का रिटर्न निर्धारित तिथि से 30 दिन के भीतर प्रस्तुत करने पर विलम्ब शुल्क पूर्ण रूप से माफ किया गया है । इसी प्रकार ऐसे करदाता जिनका टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है वो अपना रिटर्न मार्च, अप्रैल एवं मई का निश्चित समयावधि से 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करने पर विलम्ब शुल्क पूर्ण रूप से माफ होगा। इसके अलावा करदाताओं के लिए माह मई 2021 के जीएसटीआर 1 प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख को 26.06.2021 एवं क्यूआरएमपी स्कीम वालो के लिए आईएफफ की तारीख को 28.06.2021 तक बढाया गया है तथा साथ ही कम्पोजिशन डीलर के लिए वर्ष 2021-21 के लिए जीएसटीआर 4 प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को भी 31.07.2021 तक बढ़ाया गया है। उपरोक्त के अलावा सीजीएसटी की धारा 47 के प्रावधानों में संशोधन की अनुशंसा की गई है। जिसके अनुसार आगे की समयावधि के लिए जीएसटीआर 3बी देरी से प्रस्तुत करने पर देय विलम्ब शुल्क में कमी की गई है जो निम्न प्रकार से हैः-शुन्य कर दायित्व की स्थिति में अधिकतम विलम्ब शुल्क 500 रूपये प्रति रिटर्न देय होगा। इसी प्रकार 1.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले करदाआतों को देरी से रिटर्न प्रस्तुत करने पर अधिकतम विलम्ब शुल्क 2000 रूपये एवं 1.5 करोड़ से 5.00 करोड़ तक के टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए रिटर्न देरी से प्रस्तुत करने पर अधिकतम विलम्ब शुल्क 5000 प्रति रिटर्न देय होगा। चूंकि वर्तमान में उपरोक्त सभी श्रेणी के करदाताओं के लिए अधिकतम विलम्ब शुल्क 10000 रूपये प्रति रिटर्न है।

इसी प्रकार कम्पोजिशन डीलर्स के लिए भविष्य के रिटर्न जीएसटीआर  देरी से प्रस्तुत करने पर अधिकतम विलम्ब शुल्क शुन्य कर देयता की स्थिति में 500 रूपये एवं अन्य मामलों में 2000 रूपये प्रति रिटर्न होगा। इसके अलावा टीडीएस रिटर्न जीएसटीआर 7 के लिए लेट फीस 50 प्रतिदिन और अधिकतम 2000 रूपये तक होगी। विलम्ब शुल्क के अलावा करदाताओं को देय ब्याज में भी आंशिक राहत प्रदान की गई है। 5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए माह मार्च, अप्रैल एवं मई 2021 में निश्चित समयावधि के पश्चात् प्रथम 15 दिनांे तक के लिए ब्याज को माफ किया गया है तथा मार्च 2021 के लिए 15 दिन के पश्चात् आगे के 45 दिनांे तक 9 प्रतिशत की दर से, अप्रैल 2021 के लिए 15 दिन के पश्चात् आगे के 30 दिनांे तक 9 प्रतिशत की दर सेएवं मई 2021 के 15 दिन के पश्चात आगे के 15 दिनांे तक 9 प्रतिशत ब्याज देय होगा। इसी प्रकार कम्पोजिशन डीलर को सीएमपी-08 5को प्रस्तुत करने की समयावधि से 15 दिनांे तक शून्य ब्याज एवं इसके पश्चात आगे के 45 दिनों की समयावधि के लिए 9 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। इसी प्रकार 5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए मार्च, अप्रैल एवं मई 2021 के लिए निश्चित समयावधि के पश्चात 15 दिनांे तक 18 प्रतिशत के स्थान पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा तथा 15 दिनांे के पश्चात् 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा।

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