उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार 2026-27 में अपने वर्तमान व्यापार से बढ़कर 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 10 सालों में दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार में 92 प्रतिशत की जोरदार उछाल दर्ज की गई है। इन दस सालों में अमेरिका में तीन अलग-अलग राष्ट्रपति हुए। इन तीनों का नाम है- बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन। जबकि भारत में प्रधानमंत्री के तौर पर बीते दस सालों से नरेन्द्र मोदी का सफर जारी है। इन दस सालों में दोनों देशों ने आपसी कारोबार में काफी इजाफा किया। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सीएमआईई से उपलब्ध डेटा के हिसाब से पिछले 10 सालों में भारत का अमेरिका के साथ कुल व्यापार वित्त वर्ष 2014 में 61.5 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 92% बढ़कर 118.3 अरब डॉलर हो गया है। डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पर सबकी निगाहें हैं। यह देखना दिलचस्प है कि उनके राष्ट्रपति पद के तहत द्विपक्षीय व्यापार कैसे बढ़ेगा।
किस राष्ट्रपति के कार्यकाल में ज्यादा हुआ कारोबार
एक खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान जनवरी 2017 से जनवरी 2021 तक अमेरिका को भारत का निर्यात चार सालों में 22 प्रतिशत बढ़ा। जबकि राष्ट्रपति जो बाइडेन शासन के तहत भारत का अमेरिका को निर्यात सिर्फ तीन सालों में 51 प्रतिशत बढ़ा। भारत का अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 77.53 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जो पिछले वर्ष के 78.40 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर से थोड़ा कम है। पिछले 10 वर्षों में, भारत का निर्यात वित्त वर्ष 24 में 98% बढ़कर 77.5 अरब डॉलर हो गया। यह वित्त वर्ष 14 में 39.1 अरब डॉलर था।अमेरिका इंजीनियरिंग उत्पादों, रसायनों और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित भारतीय वस्तुओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना हुआ है।
अमेरिका को किए निर्यात में शामिल वस्तुएं
अगस्त 2024 में, भारत द्वारा अमेरिका को किए जाने वाले टॉप निर्यात में पर्ल, प्रीक्स, सेमीप्रिक्स स्टोन्स, पेट्रोलियम उत्पाद, ड्रग फॉर्मूलेशन, बायोलॉजिकल्स, टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स, और आरएमजी कॉटन इनक्ल एक्सेसरीज शामिल थे। अगस्त 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत द्वारा किए जाने वाले शीर्ष आयात में पेट्रोलियम क्रूड, पर्ल, प्रीक्स, सेमीप्रिक्स स्टोन्स, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला, कोक और ब्रिक्विट्स और इलेक्ट्रिक मशीनरी और उपकरण शामिल थे। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र COMTRADE डेटाबेस के मुताबिक, 2023 के दौरान भारत का संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात 75.81 अरब अमेरिकी डॉलर था।
300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगा व्यापार
आईबीईएफ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 के दौरान भारत को 6.04 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल हुआ। कुल एफडीआई इक्विटी फ्लो के 9% के साथ, अमेरिका तीसरा सबसे बड़ा सोर्स है। बता दें, अप्रैल 2000 से सितंबर 2023 तक 62.24 अरब अमेरिकी डॉलर के संचयी एफडीआई प्रवाह के साथ, अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार 2026-27 में अपने वर्तमान व्यापार से बढ़कर 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत-अमेरिका के बीच 2022 में कारोबार
संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के मुताबिक, साल 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार करीब 191.8 अरब डॉलर था। निर्यात 73.0 अरब डॉलर था। आयात 118.8 अरब डॉलर था। साल 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर था। साल 2022 में भारत को अमेरिकी वस्तुओं का निर्यात 47.2 अरब डॉलर था, जो 2021 से 17.9 प्रतिशत ($7.2 अरब) और 2012 से 113 प्रतिशत अधिक था। 2022 में भारत से अमेरिकी वस्तुओं का आयात कुल $85.5 अरब था, जो 2021 से 16.7 प्रतिशत ($12.2 अरब) और 2012 से 111 प्रतिशत अधिक था। 2022 में भारत को अमेरिकी निर्यात कुल अमेरिकी निर्यात का 2.3 प्रतिशत है। 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं का व्यापार घाटा 38.4 अरब डॉलर था, जो 2021 से 15.2 प्रतिशत ($5.1 अरब) अधिक है।