नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST काउंसिल की 50वीं बैठक में मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कसीनो पर 28% टैक्स लगाने का फैसला किया गया है। इन पर 18% टैक्स लगता था। सरकार ने गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस को एक जैसा माना है। वहीं कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब के इंपोर्ट पर लगने वाले GST को भी हटाने की मंजूरी दी है।
सिनेमा हॉल में खाने-पीने की चीजों के बिल पर लगने वाले GST को कम करने की सिफारिश को भी मंजूरी मिली। अब इनमें 18% के बजाय 5% GST लगेगा। रेयर डिजीज में इस्तेमाल होने वाले फूड फॉर स्पेशल मेडिकल पर्पज (FSMP) पर अब GST नहीं लगेगा। मीटिंग के बाद फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने इन फैसलों की जानकारी दी।
SUV, MUV पर 22% सेस लगाया जाएगा
- SUV, MUV पर 22% सेस लगाने का फैसला किया गया है।
- सेडान कारों को 22% सेस के दायरे से बाहर रखा गया है।
- बिना पके हुए स्नैक्स पर GST 18% से घटाकर 5% किया है।
- LD स्लैग और फ्लाई ऐश पर GST 18% से घटाकर 5% किया गया।
- इमिटेशन और जरी धागे पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया है।
- प्राइवेट कंपनियों की ओर से सैटेलाइट लॉन्च सर्विस पर GST में छूट दी गई है।
अपीलेट ट्रिब्यूनल बनाने को मिली मंजूरी
GST काउंसिल ने फिटमेंट कमेटी के सभी सुझावों को मंजूरी दी। काउंसिल ने GST ट्रिब्यूनल बनाने को मंजूरी दी है। इससे GST से जुड़े विवादों का निपटारा जल्द से जल्द हो सकेगा। महाराष्ट्र ने राज्य में 7 अपीलेट ट्रिब्यूनल बनाने की मांग की है। 4 को पहले चरण में मंजूरी दी जाएगी, बाकी तीन को अगले चरण में हरी झंडी मिलेगी।
रेयर बीमारियों दवाएं या स्पेशल फूड काफी ज्यादा महंगे
रेयर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं या स्पेशल फूड काफी ज्यादा महंगे होते हैं। इन्हें इंपोर्ट भी करना पड़ता है। सरकार ने अपने एक अनुमान में बताया था कि 10 किलोग्राम वजन वाले बच्चे के लिए कुछ क्रिटिकल बीमारियों के इलाज की एनुअल कॉस्ट 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से ज्यादा हो सकती है। इसमें ट्रीटमेंट जीवनभर चलता है।
कैंसर की दवा को GST फ्री करने की मांग की थी
कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब (Dinutuximab) पर भी टैक्स छूट दिए जाने की मांग की गई थी। फिटमेंट कमेटी का कहना था कि जिस दवा की कीमत 26 लाख हो और जिसके लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाते हों, उसे GST के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने इस पर सहमति जताई थी। इस दवा पर अभी 12% GST लगता है।
जून में हुआ था 1.61 लाख करोड़ का GST कलेक्शन
सरकार ने जून 2023 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 1.61 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें लगभग 12% बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जून 2022 में 1.44 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ था। वहीं, एक महीने पहले मई 2023 में ये 1.57 लाख करोड़ रुपए रहा था।
वित्त मत्रांलय के अनुसार, इस GST कलेक्शन में CGST के रूप में 31,013 करोड़ रुपए, SGST से 38,292 करोड़ रुपए और IGST के रूप में 80,292 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ है। IGST की राशि में 39,035 करोड़ रुपए वस्तुओं के आयात पर लगने वाले टैक्स के रूप में वसूला गया है।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में कैसा रहा GST कलेक्शन
पूरे फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की बात की जाए तो इसमें टोटल 18.10 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ था। इसके आधार पर हर महीने GST कलेक्शन का औसत आंकड़ा 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा था। वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में GST का ग्रॉस रेवेन्यू, इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की तुलना में 22% ज्यादा रहा था।
6 साल पहले लागू हुआ था GST
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे वैराइटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (वैट), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 6 साल पहले 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। हालांकि गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है।