Vichar

मत सींचो नफरत का बीज!

मनुष्य का स्वभाव ही ऐसा है कि स्वयं के अनुसार कुछ नहीं हुआ या बात नहीं मानी गई तो उनमें मतभेद उभरने लगते हैं।...

प्रजातंत्र बनाम भीड़तंत्र!

प्रजातंत्र में हर आदमी को अपनी बात कहने का हक दिया गया है। मगर इसका यह अर्थ तो कतई नहीं हो सकता कि आप...

हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह(हर्ष) की अवधारणा

भारत सांस्कृतिक रूप से जितना समृद्ध रहा है उतना ही आर्थिक-वैदेशिक गतिविधियों में सशक्त था। हिमालय परिक्षेत्र तथा हिन्द महासागर के तटीय क्षेत्रों के...

देश का कानून : सम्मान एवं भय

आए दिन हम सभी को अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर खबरें पढ़ने को मिलती है कहीं डकैती , कहीं दिनदहाड़े गोली मारना ,कहीं बलात्कार...

देश से अब मिटने लगा है अस्पृश्यता का कलंक!

शिव दयाल मिश्राहमारे देश में सदियों से अस्पृश्यता चली आ रही है। अब वह मिटने लगी है। हालांकि हमारे शाों में कहीं भी अस्पृश्यता...

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