जिला प्रमुख श्रीमती रमादेवी चौपड़ा की अध्यक्षता में हुआ आयोजन
जयपुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित सरकार की कृषक कल्याण योजनाओं की जानकारी संबंधित विभागों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने के लिए गुरुवार को तक जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला प्रमुख श्रीमती रमा चोपड़ा ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यशाला में प्रधानमंत्री फसल बीमा, पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2024 में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार, राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल संचालन प्रक्रिया, सीसीई मोबाइल एप्प के माध्यम से फसल कटाई प्रयोग एवं फसल बीमा योजना की जानकारी दी गई।
बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के प्रशासनिक अधिकारी दिवाकर कुमार ने बताया कि फसल बीमा योजना भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई एक व्यापक और प्रभावी योजना है। यह योजना किसानों को ओलावृष्टि, सूखा, चक्रवात, भारी और बेमौसम बारिश, रोग और कीटो का हमला आदि जैसी अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है।
उन्होंने बताया कि योजना पूर्ण रूप से स्वैच्छिक होने के कारण ऋणी कृषकों को योजना से पृथक रहने के लिये नामांकन की अन्तिम दिनांक से 7 दिवस पूर्व (खरीफ के लिए 24 जुलाई एवं रबी के लिए 24 दिसम्बर) तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जावेगा। किसान फसल कटाई उपरांत 14 दिवस तक अपने नुकसान की रिपोर्ट आपदा के 72 घंटे के भीतर कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाइन नम्बर 14447 पर, स्थानीय कृषि विभाग, राजस्व विभाग, बीमा कंपनी, संबंधित बैंक या फसल बीमा ऐप के माध्यम से कर सकते है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री राकेश कुमार पाटनी ने बताया कि पूर्व मौसम में बीमा कम्पनी द्वारा दर्ज करवायी गई आपत्तियों का किसी भी स्थिति में पुनरावृति नहीं की जावे तथा फसल कटाई प्रयोगों को राजस्व मंडल अजमेर एवं कृषि विभाग राजस्थान द्वारा प्रदत्त निर्देशों की शत प्रतिशत पालना करते हुये संपादन करावें।
वहीं, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक श्री हीरालाल जाटव ने शत प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाइन करने, फसल कटाई प्रयोग प्रक्रिया में बीमा कम्पनी प्रतिनिधि का सह-पर्यवेक्षण फसल कटाई प्रयोग का कार्यक्रम बीमा कंपनी, बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को आवश्यक रूप से सूचित करने के निर्देश दिये। साथ ही, फसल कटाई प्रयोगों के आयोजन का कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं करने एवं प्राथमिक कार्यकर्ता अथवा बीमा कम्पनी द्वारा फसल कटाई प्रयोगांे में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करने के लिए भी निर्देशित किया। कार्यशाला में सहायक निदेशक कृषि (सांख्यिकी) श्री ऋषि मोहन यादव ने बताया कि फसल कटाई प्रयोगों के संपादन में निर्देशानुसार प्रत्येक स्तर पर पोर्टल पर फोटो अपलोड करे तथा वीडियो बनाएं।
कार्यशाला में कृषि विभाग के सहायक निदेशक कृषि श्री भागचन्द कुमावत, श्री सुरेश मान, श्रीमती लक्ष्मी यादव, श्री दारासिंह भाटी, राजस्व विभाग के तहसीलदार एवं कृषि विभाग के कृषि अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक एवं स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के अग्रणी जिला प्रबंधक ने भाग लिया।