जैनोलॉजी जीवन की समस्याओं के समाधान का पाठ्यक्रम,विद्यार्थयों के लिए आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित

बीकानेर@जागरूक जनता।  डूंगर महाविद्यालय  में नवसृजित जैनोलॉजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की जानकारी देने हेतु  मंगलवार  को आमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जैनोलॉजी विषय का चयन करने वाले 100 से भी अधिक विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती प्रेम नौलखा ने  इस विषय के  प्रारंभ होने का श्रेय दोनों संस्थाओं के आपसी सहयोग को दिया।  विशिष्ट अतिथि  शांता भूरा ने  कहा कि  जीवन के तनाव को कम करने में जैनोलॉजी की अहम भूमिका रहेगी। विषय विशेषज्ञ डॉ नंदिता सिंघवी विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग ने प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी की जैन परंपरा पर प्रकाश डाला। डॉ राजनारायण व्यास सहआचार्य दर्शनशास्त्र ने अपने संबोधन में बताया कि जैनोलॉजी विषय का संबंध यथार्थ जीवन से है और यह विद्यार्थियों पर बहु आयामी प्रभाव डालेगा। जैनोलॉजी के प्रायोगिक पक्ष प्रेक्षाध्यान एवं योग के बारे में बोलते हुए दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ सुमित्रा चारण ने ध्यान और यौगिक क्रियाओं के अर्थ व उनके महत्व पर प्रकाश डाला। जैन दर्शन के विद्वान  पीयूष नाहटा ने अपने संबोधन में कहा कि  जैनोलॉजी जीवन की समस्याओं के समाधान का पाठ्यक्रम है।
उपप्राचार्य डॉ इंदरसिंह राजपुरोहित ने  जैनोलॉजी पाठ्यक्रम  में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए  तेरापंथ महिला मंडल बीकानेर का आभार ज्ञापित किया। प्राचार्य डॉ जीपी सिंह ने पाठ्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। जैनोलॉजी विभाग प्रभारी डॉ बबीता जैन ने अतिथियों और विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत: मुंबई के बीजेपी दफ्तर में लगा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का पोस्टर, चर्चाएं तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने महाविकस अघाड़ी को...