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कहां से कहां आ गए हम!

शिव दयाल मिश्रा
कहते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है। जो आज है वो कल नहीं और जो कल है वो परसों नहीं। मगर हमारी संस्कृति के बारे में कहा जाता है कि वह अक्षुण्ण है। भले ही उसका रूप बदल जाए, मगर उसका अस्तित्व तो रहेगा। अगर बात संस्कृति की करें तो मनुष्य के जन्म से ही प्रारंभ कर लेते हैं। मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त 16 संस्कार कहे गए हैं। उनमें से आज पाणिग्रहण संस्कार के बारे में बात करते हैं। पाणिग्रहण संस्कार से तात्पर्य है पाणि यानि हाथ। हाथ को ग्रहण करने की विधिवत परम्परा को पाणिग्रहण कहा जाता है। इस परम्परा में वर द्वारा वधु के हाथ को ग्रहण किया जाता है। इस संस्कार के बाद दोनों वैवाहिक बंधन में बंध जाते हैं। इस संस्कार में गणेशजी स्थापना से लेकर वधु के गृह-प्रवेश तक कई मांगलिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें महिलाओं द्वारा कई दिनों तक घर में मंगल गीत गाए जाते हैं जिनका स्वरूप बदल गया है जिसके अनुसार एक ही दिन महिला संगीत का आयोजन कर लिया जाता है। फिर अगले दिन बारात की चढ़ाई होती है। उसमें आमोद-प्रमोद के लिए पहले नचनियां और कच्छी घोड़ी किराए पर बुलवाई जाती थी जो बारात के आगे-आगे चलते हुए नाचते-गाते चलती थी। लोग उनके तमाशे देखते थे। मगर आज घर की बहु-बेटियों के साथ घर के सदस्य जिनमें भाई, पिता और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं सब नाचते हैं और दुनिया तमाशा देखती हैं। ऐसे में उन गृह लक्ष्मियों को नाचते हुए कई राह चलते लोग भी भीड़ में उनके साथ नाचते हुए वीडियो बना लेते हैं और फिर उनका मनचाहे तरीके से इस्तेमाल करते हैं। दूसरी तरफ आजकल दूल्हे भी घोड़ी से उतर कर अपने दोस्तों के साथ नाचने लगा है। कहीं-कहीं तो दूल्हे और दुलहन दोनों ही सड़क पर इकट्ठे नाचने लगे हैं। अब तो एक नया ट्रेंड और चल गया है जिसका नाम है ‘प्री-वेडिंगÓ। प्रीवेङ्क्षडग हाईफाई लोगों का बड़ा ही घिनौना कृत्य है जिसमें शादी से पहले ही लड़के-लड़कियां सैर-सपाटे के लिए अकेले ट्यूर पर घूमने जाते हैं। जिसके बाद अगर किन्हीं कारणों से विवाह नहीं हो पाता है तो लड़की की जिंदगी दागदार हो जाती है। ये बुराई कुछ समय गुजरने के बाद मध्यवर्ग में भी अपनी जगह बनाने लगेगी। कहीं फटे कपड़ों का चलन बढ़ता जा रहा है। तो शायद दूल्हे और दुल्हन भी फटे कपड़ों में नजर आने लगे तब हमारी संस्कृति का क्या होगा। आखिर किस गर्त में जाकर होगा इस बदलाव का अंत।
shivdayalmishra@gmail.com

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