माधव विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह 1741 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान, भव्य आयोजन में दी विदाई

आबूरोड. माधव विश्वविद्यालय में बुधवार को भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के 1741 छात्र-छात्राओं को विभिन्न संकायों में उपाधियाँ प्रदान की गईं। समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में सरस्वती वंदना के साथ किया गया, जहां शिक्षा और समर्पण के प्रतीक इस विशेष क्षण को मनाने के लिए सैकड़ों छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण और अभिभावक एकत्रित हुए।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. राजकुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल उपाधि प्राप्त करने का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के निर्माण का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जीवन में निरंतर सीखते रहने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने की प्रेरणा दी। डॉ. राजकुमार ने विश्वविद्यालय के शैक्षिक सफर को गर्व का विषय बताया और सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

कुलाधिपति हिम्मत सिंह देवल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया। देवल ने कहा कि यह सिर्फ शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों के नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्रों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान दिया है, बल्कि उन्हें नैतिक और सामाजिक मूल्यों से भी सुसज्जित किया है।
विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव माथुर ने कहा कि माधव विश्वविद्यालय हमेशा से शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करता हुआ आया है, विश्वविद्यालय से उर्तीण हुए अनेक छात्र-छात्राएं आज सरकारी पदों पर है।

समारोह में रजिस्ट्रार डॉ. भावेश कुमावत ने अपने संबोधन में कहां कि उपाधि मिलने के बाद अब छात्र-छात्राओं का एक नया सफर शुरू हुआ है और सभी छात्र-छात्राएं अपने बेहतर भविष्य को संवारने के लिए और अधिक मेहनत करें और ऊंचे पद पर पहुंचे।
परीक्षा नियन्त्रक डॉ. मुकेश महावर ने बताया कि आज दीक्षांत समारोह में 1741 उपाधिया प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह के दौरान पीएचडी. की 22, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की 321, स्नातक पाठ्यक्रम की 782 एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 616 उपाधियां प्रदान की गई।
जो छात्र-छात्राएँ व्यक्तिगत रूप से इस समारोह में शामिल नहीं हो सके, उनके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन प्रसारण की विशेष व्यवस्था की। यह पहल उन छात्रों के लिए अत्यधिक सराहनीय रही, जो किसी कारणवश समारोह में भाग नहीं ले पाए थे, लेकिन फिर भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सके। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सभी ने छात्र-छात्राओं की मेहनत और उपलब्धियों की सराहना की।

यह दीक्षांत समारोह उन छात्र-छात्राओं के लिए उनके शैक्षणिक जीवन का अंतिम पड़ाव था, जिन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से यह उपलब्धि हासिल की। अब वे अपने जीवन में नई चुनौतियों का सामना करने और समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए तैयार हैं।
माधव विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह न केवल एक ऐतिहासिक दिन था, बल्कि यह विश्वविद्यालय के लिए भी एक गौरवशाली क्षण था, जो शिक्षा और गुणवत्ता के प्रति अपने समर्पण को प्रमाणित करता है। अंत में रजिस्ट्रार डॉ. भावेश कुमावत ने इस दीक्षान्त समारोह को सफल बनाने में सभी अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह में विश्वविद्यालय के प्रो. चांसलर डॉ. बिजेन्द्र कुमार गौतम, रिसर्च अधिष्ठाता डॉ. पवन कुमार, अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. महेंद्र सिंह परमार, फार्मेसी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुशील भार्गव, होम्योपैथिक संकाय के अधिष्ठाता डॉ. मनोज बेहरा, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. अवधेश आढा पेशवा, विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. जिगर सोनी, कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. बसन्तलाल पटेल, विधि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. डी.के. उपाध्याय, कला संकाय के अधिष्ठाता डॉ. राणा प्रताप सिंह, वाणिज्य प्रबंधन के अधिष्ठाता डॉ. अभिताभ श्रीवास्तव, नेचुरोपैथी के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल योगी, विशेष शिक्षा के विभागाध्यक्ष डॉ. राज सिंह सेहरावत, एनएसएस के प्रभारी डॉ. देवेन्द्र मुझाल्दा, फिजिकल एजुकेशन के विभागाध्यक्ष डॉ. विष्णु चौधरी, एनएसएस प्रभारी संगीता सिंह, विश्वविद्यालय के एडवाईज जे.बी. शर्मा सहित एकेडमिक काउंसिल एवं बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य भी मौजूद रहे।

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