मोदी की ‘साधना शक्ति’! सामने आया पहला VIDEO, ऐसी रहेगी PM की डाइट

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 45 घंटे तक इसी तरह ध्यान में रहने वाले हैं। इन दो दिनों के लिए पीएम की एक खास डाइट भी तैयार की गई है जिसमें कोई अन्न शामिल नहीं है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी प्रचार खत्म करने के बाद अब ध्यान में लीन हो गए हैं। इस समय वे कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम् में मेडिटेट कर रहे हैं। उस मेडिटेशन का पहला वीडियो भी सामने आ गया है जिसमें पीएम की तरफ से ओमकार का जाप किया जा रहा है। उनकी आंखें बंद हैं और वे ज्ञान की मुद्रा में बैठे हुए हैं।

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 45 घंटे तक इसी तरह ध्यान में रहने वाले हैं। इन दो दिनों के लिए पीएम की एक खास डाइट भी तैयार की गई है जिसमें कोई अन्न शामिल नहीं है। जानकारी मिली है कि मेडिटेशन के दौरान पीएम मोदी सिर्फ तरल डाइट पर रहने वाले हैं, शरीर हाइड्रेट रखने के लिए वे जरूरत पड़ने पर नारियल पानी और अंगूर के जूस का सेवन करेंगे।

बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी इस ध्यान के वक्त पूरी तरह मौक व्रत धारण करे रहेंगे, उनकी तरफ से किसी से कोई बातचीत नहीं की जाएगी। अब पीएम मोदी का ये ध्यान ज्यादा सुर्खियों में इसलिए बना हुआ है क्योंकि आज से ठीक 131 साल पहले इसी जगह पर स्वामि विवेकानंद ने भी कुछ इसी तरह से दो दिन का ध्यान लगाया था। अब उसी कड़ी में, उसी अंदाज में पीएम मोदी भी ध्यान लगा रहे हैं। बीजेपी जरूर इस पूरे कार्यक्रम को राजनीति से दूर बता रही है, लेकिन विपक्ष ने अभी से हमला करना शुरू कर दिया है।

इस ध्यान पॉलिटिक्स पर सबसे पहले गुरुवार को सीपीआई (एम) तमिलनाडु के सचिव के. बालाकृष्णन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। उस पत्र में कहा गया कि मीडिया ऐसे किसी भी प्रोग्राम का प्रसारण ना करे। पीएम मोदी अगर ध्यान लगाना चाहते हैं, ये उनकी निजी पसंद है, इसका प्रसारण करने से ये चुनाव की बड़ी प्रचार सामग्री बन सकता है। इसी तरह कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सवाल उठा दिए थे।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि वोटिंग से 48 घंटे पहले किसी भी तरह का प्रचार नहीं होना चाहिए, फिर चाहे वो साइलेंट हो या फिर कुछ और। हमे इस बात से दिक्कत नहीं है कि कोई क्या कर रहा है, वो मौन व्रत रखे या कुछ और, लेकिन अप्रत्यक्ष अभियान नहीं चलना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से इसे आचार सहिता का एक उल्लंघन बता दिया गया है। अभी के लिए चुनाव आयोग ने ऐसे किसी पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वही दूसरी तरफ पीएम मोदी ने अपना ध्यान शुरू कर दिया है।

वैसे पीएम मोदी का यह अंदाज अब पुराना हो चुका है, पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने ऐसे ही कई घंटों का ध्यान लगाया था। भारी-भरकम चुनावी प्रचार के बाद शांति के लिए पीएम मोदी तब केदारनाथ की गुफा में चले गए थे। वहां की भी कई तस्वीरें वायरल हुई थीं, आज भी उन पर चर्चा होती दिख जाती है। अब इस कन्याकुमारी कार्यक्रम की भी तस्वीरें आनी शुरू हो गई हैं, वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल चल रहे हैं।

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