महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी की विश्वविद्यालय के संगठक, अनुसंधान निदेशालय के अधिनस्थ फसल विविधीकरण परियोजना के अंतर्गत दो दिवसीय विस्तार अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक निदेशक, कृषि कार्यालय बेगू चित्तौड़गढ़ में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी डॉक्टर हरि सिंह ने परियोजना की जानकारी देते हुए फसल विविधिकारण एवं मूल्य संवर्धन के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि किसान किस प्रकार बाजार को देखते हुए अपनी फसलों का विविधिकारण व विपणन करेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री शंकर लाल जाट उपनिदेशक उद्यान चित्तौड़गढ़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फसल विविधीकरण में मूल्य संवर्धन के महत्व को बताते हुए बताया कि मूल्य संवर्धन से किसानों की आय एवं रोजगार सज्जन में वृद्धि होगी। श्री हरिकेश चैधरी, सहायक निदेशक कृषि बेगू चित्तौड़गढ़ ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि फसल विविधिकारण से फसल की उत्पादकता, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी एवं बाजार भाव भी ज्यादा मिलेगा। श्री मुकेश वमार्, संयुक्त निदेशक उद्यानिकी ने बताया कि बागवानी फसलों का फसल विविधिकारण में बड़ा महत्व ह,ै बागवानी फसलों का मूल्य संवर्धन कर किसान दुगनी आय एवं रोजगार प्राप्त कर सकता है। श्री जोगेंद्र सिंह, कृषि अधिकारी उद्यान चित्तौड़गढ़ ने बागवानी फसलों में जल प्रबंधन बागवानी फसलों के प्रबंधन की तकनीकियों की जानकारी, उसमें लगने वाले रोग एवं निदान पर विस्तार से संबोधित किया। डॉक्टर बुद्धि प्रकाश मीणा, पशु चिकित्सा अधिकारी बेगू चित्तौड़गढ़ नें पशुओं में नस्ल सुधार एवं पशुपालन प्रबंधन पर विस्तार से संबोधित करते हुए सरकारी योजनाओं का महत्व बताया। कार्यक्रम में डॉक्टर हंसराज धाकड़ कृषि अधिकारी ने कृषि में सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में परियोजना से श्री हेमन्त कुमार लाम्बा, श्री रामजी लाल बडसरा एवं श्री एकलिंग सिंह उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 कृषि पर्यवेक्षक एवं विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया.