राजवी का टिकट कटा, कालीचरण-लाहोटी, मोहनलाल- परनामी कैंप में खलबली, टिकट कटे तो जयपुर में और हंगामा तय


विद्याधर नगर जैसी मजबूत सीट पर प्रत्याशी बदलने के बाद दूसरी सीटों पर भी बदलने की तैयारी

जयपुर। विद्याधर नगर में लगातार तीन जीत दर्ज करने के बावजूद विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट कटने के बाद मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ और सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी समर्थकों में खलबली मच गई है। विद्याधर नगर के बाद भाजपा की जयपुर में यही दो सीटें सबसे मजबूत है। मालवीय नगर में पिछली बार भी कालीचरण सराफ को बड़ी मशक्कत के बाद ऐनवक्त पर टिकट दिया गया था।

पार्टी की पहली सूची में सामने आई रणनीति कायम रहती है तो इस बार जयपुर शहर की अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी बदले जा सकते हैं। इनमें भाजपा के गढ़ सांगानेर और मालवीय नगर भी शामिल हैं। मालवीय नगर में कालीचरण सराफ लगातार जीतते आ रहे हैं। सांगानेर से अशोक लाहोटी पहली बार जीते हैं, लेकिन इससे पहले यहां भाजपा से ही घनश्याम तिवाड़ी जीतते आ रहे थे। गौरतलब है कि पार्टी की पहली सूची में भी 41 में से 29 नए चेहरे हैं। जयपुर जिले के 2 लोकसभा क्षेत्रों में इस समय 17 विधानसभा क्षेत्र हैं।

सांगानेर से भी सांसद की तैयारी
पहली सूची में सात सांसदों को टिकट देने के बाद अब सांगानेर से भाजपा जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा को मौका दे सकती है। ऐेसे में मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी को सिविल लाइंस शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि सिविल लाइंस से राजपाल सिंह के नाम को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई है। यहां से पिछली बार भाजपा प्रत्याशी रहे अरुण चतुर्वेदी को किसी दूसरे जिले के विधानसभा क्षेत्र में भेजा जा सकता है। हवामहल में भाजपा हिंदुत्व के नाम पर चौंकाने वाला चेहरा सामने ला सकता है।

जहां पिछली बार हारे, वहां भी नए चेहरों की तलाश
भाजपा की मौजूदा रणनीति को देखते हुए पिछली बार हार वाली सीटों पर प्रत्याशी रीपिट करने की संभावना भी कम जताई जा रही है। ऐसे में किशनपोल से पिछली बार प्रत्याशी रहे मोहनलाल गुप्ता, आदर्श नगर से अशोक परनामी, हवामहल से सुरेन्द्र पारीक के लिए भी मुश्किलें हो सकती हैं। पार्टी यहां नए चेहरों को प्रत्याशी बनाने पर भी विचार कर रही है। इनमें किशनपोल और हवामहल से भाजपा के कई नए चेहरे दावेदार हैं।

टिकट कटे तो जयपुर में बढ़ेगा और हंगामा
मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ और आदर्श नगर से पिछली बार प्रत्याशी रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नजदीकी माना जाता है। अगली सूचियों में इन दोनों के टिकट कटते हैं तो इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं का भी विरोध सामने आ सकता है।


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