आज रात से पूर्व हो जाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प


मेरिकी इतिहास के वह राष्ट्रपति जो सबसे विवादित हैं। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने एक दिन में औसतन 12 झूठे दावे किए। अपने विवादित सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से ट्विटर और फेसबुक पर बैन कर दिए गए। वह राष्ट्रपति जो चुनाव हार जाने के बाद भी हार मानने को तैयार नहीं हुए। आज से वे पूर्व हो जाएंगे।

अमेरिकी इतिहास के वह राष्ट्रपति जो सबसे विवादित हैं। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने एक दिन में औसतन 12 झूठे दावे किए। अपने विवादित सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से ट्विटर और फेसबुक पर बैन कर दिए गए। वह राष्ट्रपति जो चुनाव हार जाने के बाद भी हार मानने को तैयार नहीं हुए। आज से वे पूर्व हो जाएंगे। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाऊस छोड़ देंगे। उनकी जगह 46वें राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन दोपहर 12 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे) शपथ लेंगे।

अब सवाल है कि ट्रम्प व्हाइट हाउस से कहां जाएंगे? उन पर जो महाभियोग चल रहा है क्या वह अब खत्म हो जाएगा? राजनीति में आगे क्या करेंगे? अपनी पार्टी में उनका क्या कद रहेगा? उनके बिजनेस का क्या होगा? क्या पद से हटने के बाद जेल भी जा सकते हैं? ट्रम्प तो खुद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाने की बात कर रहे हैं। उसका क्या? आइये जानते हैं…

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद ट्रम्प का क्या होगा?
डोनाल्ड ट्रम्प बाकी राष्ट्रपतियों से थोड़े अलग हैं। वे प्रेसिडेंट ऑफिस के मानदंडों का पालन नहीं करने वाले राष्ट्रपति हैं। 1869 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन के बाद ट्रम्प पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे। ट्रम्प ने घोषणा की है कि व्हाइट हाउस से निकलने के बाद वे फ्लोरिडा के अपने मेर-ए-लागो प्राइवेट क्लब में रहेंगे।

उन पर जो महाभियोग चल रहा है क्या वह खत्म हो जाएगा?
ऐसा नहीं है। उन पर 6 जनवरी को उकसाने वाली स्पीच देने के कारण महाभियोग चल रहा है। ये चलता रहेगा। सीनेट अगर ट्रायल में ट्रम्प को दोषी पाता है, तो वे आगे कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। करीब 1 करोड़ अमेरिकी ट्रम्प से नाखुश हैं। हालांकि, इतने ही अमेरिकी उनके समर्थन में भी हैं, जो ट्रम्प के राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा है।

राजनीति में आगे क्या करेंगे?
6 जनवरी की हिंसा के पहले ऐसा माना जा रहा था कि ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के मुख्य सदस्य बने रहेंगे या 2024 में फिर से राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे या पार्टी में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। ट्रम्प चुनाव हारने के बाद चाहते होंगे कि वे पार्टी में अपने विरोधियों पर कार्रवाई करें। इसमें जॉर्जिया के गवर्नर ब्रायन कैंप जैसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने जो बाइडेन की जीत के फैसले को पलटने से मना कर दिया था, लेकिन 6 जनवरी की घटना ने ट्रम्प के भविष्य पर कई सारे प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं।

जॉर्ज बुश के सहयोगी और रिपब्लिकन पार्टी के रणनीतिकार स्कॉट जेनिंग्स का कहना है कि जब भी ट्रम्प प्रेसीडेंसी की बात की जाएगी, तो हमेशा संसद के अंदर और बाहर 6 जनवरी को हुई हिंसा से बात शुरू होगी और इसी पर खत्म होगी। अब वे कैसे अमेरिकी लोगों के सामने समर्थन हासिल करने जाएंगे? इसका जवाब मेरे पास नहीं है। उनकी ये सबसे बड़ी गलती है और रहेगी।

ट्रम्प का अपनी पार्टी में कितना कद रह जाएगा?

  • 15 जनवरी को प्यू रिसर्च के मुताबिक, 24% से ज्यादा लोग ट्रम्प को राजनीति में देखना चाहते हैं। 68% लोग ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं। ट्रम्प की पार्टी में दरार भी देखने को मिली है। रिपब्लिकन हाउस कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन लिज चेनी उन 10 पार्टी मेंबर में से हैं, जिन्होंने ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए डेमोक्रेट्स का समर्थन किया है।
  • मिच मेककोनल समेत अधिकतर रिपब्लिकन सीनेटर्स का कहना है कि ट्रम्प दोषी हैं। जो उनके 2024 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की संभावना को खत्म करता है। इसके अलावा अमेरिका के कई बड़े कॉर्पोरेशन, बिजनेस ग्रुप्स और डोनर्स ने साफतौर पर कहा है कि जो ट्रम्प का समर्थन करता है, हम उन उम्मीदवारों के कैंपेन में किसी तरह का सहयोग नहीं करेंगे। हालांकि, ट्रम्प को कम आंकना गलत है। उनकी रिपब्लिकन पार्टी के पॉपुलिस्ट लोगों में पकड़ मजबूत रहने की पूरी संभावना है।
  • हाल ही में हुए कुछ सर्वे बताते हैं कि रिपब्लिकन ट्रम्प को 6 जनवरी की हिंसा का दोषी नहीं मानते हैं और उनका समर्थन करते हैं। 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में मिट रोमनी के सीनियर एडवाइजर कैविन मैडन ने पार्टी के अंदर ट्रम्प की लोकप्रियता के बारे में कहा है कि यह सब एक रात में खत्म नहीं होगा। ट्रम्प का पार्टी पर वर्चस्व बरकरार है।

उनके बिजनेस का क्या होगा?

  • राजनीति में बने रहने के लिए ट्रम्प ने अपनी संपत्ति का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कोरोना से संक्रमित होने से पहले अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी थी। श्वेत लोगों का बचाव किया और अपने बैडमिंस्टर क्लब, न्यूजर्सी गोल्फ क्लब को फंडरेजर के तौर पर रखा।
  • उनकी राजनीति ने परिवार के रियल एस्टेट, होटल और गोल्फ के बिजनेस को काफी प्रभावित किया। ये सभी या तो डेमोक्रेट्स के समर्थन वाले स्टेट में हैं या न्यूयॉर्क में हैं। उनके बैडमिंस्टर क्लब से 2022 में होने वाली PGA चैंपियनशिप की मेजबानी को छीन लिया गया है। इस दौरान गोल्फ बॉडी ने कहा है कि इस जगह प्रतिष्ठित चैंपियनशिप कराना नुकसानदायक है।
  • PGA ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन से बहुत पहले से जुड़ा रहा है। इसके अलावा कई होटल ने ट्रम्प से नाता तोड़ दिया है। कोरोना के समय भी ट्रम्प की संपत्ति प्रभावित हुई है। इससे बुरा समय ट्रम्प के लिए नहीं आ सकता है। उनकी कंपनी पर 1 बिलियन का कर्ज है। ट्रम्प पर ड्यूश बैंक का सबसे ज्यादा कर्ज है। इसने भी ट्रम्प के साथ किसी तरह का संबंध रखने से इंकार कर दिया है।
  • छोटे बैंक भी ट्रम्प के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। इसके अलावा उनके सभी अकाउंट को बंद किया जा सकता है। ट्रम्प को नगदी जुटाने के लिए अपनी संपत्ति बेचने में भी मुश्किल होगी। इसकी वजह कुशमैन एंड वेकफील्ड और जेएलएल जैसी ब्रोकरेज कंपनियों से ट्रम्प के रिश्ते अच्छे नहीं होना है।
  • हालांकि, ट्रम्प को अपने राष्ट्रपति पद पर रहने का फायदा मिल सकता है। राष्ट्रपति रहते उनके रिलेशन कुछ देशों से अच्छे रहे हैं। इनमें ब्राजील, टर्की, फिलीपींस और भारत जैसे देश हैं। इन देशों के मार्केट में ट्रम्प को बिजनेस करने की अनुमति मिल सकती है। इसके अलावा DAMAC और ट्रम्प की फर्म के बीच दो गोल्फ कोर्स की भागीदारी है। DAMAC के चैयरमैन हुसैन सजवानी ने कहा है कि ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन के साथ समझौता तोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।

क्या पद से हटने के बाद जेल भी जा सकते हैं ट्रम्प?

  • ट्रम्प पर चुनाव से पहले कई मुकदमे चल रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति रहते कई बार कानून प्रक्रिया में दखल दी। इसकी वजह से उनके वकील और फिक्सर माइकल कोहेन को तीन साल की सजा भी हुई। अब तक राष्ट्रपति पद पर होने की वजह से कोर्ट सीधे तौर पर ट्रम्प पर कार्रवाई नहीं कर सकता था। अब आने वाले समय में ये मामले दोबारा शुरु हो सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खुलासा भी किया था। इसमें बताया था कि ट्रम्प ने 2016 में 750 डॉलर टैक्स के रूप चुकाए हैं। उसके बाद से उन्होंने कोई टैक्स नहीं दिया है।
  • इसके अलावा न्यूयॉर्क के अधिकारियों की नजर भी ट्रम्प पर है। मैनहटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वेंस ट्रम्प के बिजनेस की जांच कर रहे हैं। न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स भी ट्रम्प की प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ने को लेकर जांच कर रहे हैं। ट्रम्प पर कई तरह के सिविल केस भी चल रहे हैं। वे जल्द ही न्यूयॉर्क में दो मानहानि केस का सामना कर सकते हैं। इसमें दो महिलाओं ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उन पर धोखाधड़ी, राज्यों के कानूनों के उल्लंघन के भी केस चल रहे हैं।
  • इसके अलावा कैपिटल बिल्डिंग के अंदर- बाहर हुई हिंसा से भी ट्रम्प की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके भड़काऊ भाषण के बाद ही भीड़ जमा हो गई थी। अगर इसके सबूत उनके खिलाफ मिलते हैं, तो पूरा केस बदल सकता है। इसके अलावा बाइडेन पर भी ट्रम्प के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है। संभावना है कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।

ट्रम्प तो खुद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाने की बात कर रहे हैं उसका क्या?

  • ट्विटर पर ट्रम्प के 88 मिलियन फॉलोअर्स थे, जिसे 8 जनवरी को हमेशा के लिए बैन कर दिया गया। इसके अलावा फेसबुक पर उनके 30 मिलियन फॉलोअर्स थे, इस पर भी बाइडेन के शपथ ग्रहण तक रोक लगा दी गई है। लेकिन अभी ट्रम्प के पास अपने ऑनलाइन समर्थकों तक पहुंचने के लिए कई रास्ते मौजूद हैं। द ऑफिशियल ट्रम्प 2020 मोबाइल एप जिसे पिछले साल 2.6 मिलियन लोगों ने डाउनलोड किया था। इसके सहारे ही लोग ट्रम्प के कैंपेन से जुड़ते हैं।
  • गूगल, फेसबुक और ट्विटर के कम्युनिकेशन कंस्लटेंट नू वैक्सलर कहते हैं कि ट्रम्प की ऑनलाइन मौजदूगी उनके साथी रिपब्लिकन नेताओं से ज्यादा मजबूत है। वे समर्थकों से डायरेक्ट जुड़ सकते हैं। उनके पास लाखों की संख्या में मोबाइल नंबर और इमेल हैं। उन्हें अपने समर्थकों से सीधे तौर पर जुड़ने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।
  • उनके दामाद और व्हाइट हाउस के सीनियर एडवाइजर जैरड कुशनर कहते हैं कि ट्रम्प के मैसेज को लोगों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण और मुश्किल है। गैब और पार्लर जैसे प्लेटफॉर्म ऑडियंस तक पहुंचने में ट्विटर के मुकाबले सक्षम नहीं है।
  • ऑनलाइन फंड जुटाना भी उनके लिए समस्या हो सकती है। ट्रम्प ने अपने कैंपेन में 1.67 बिलियन डॉलर जुटाए थे। इसके अलावा पेमेंट करने वाली कंपनियां PayPal, स्क्वायर और स्ट्राइप भी ट्रम्प को सोशल मीडिया पर बैन करने का समर्थन करती हैं।
  • माना जा रहा है कि ट्रम्प से आने वाले समय में मेन स्ट्रीम मीडिया कन्नी काट सकता है। ऐसे में वे नए तरह के सोशल मीडिया प्लेटफार्म लॉन्च कर सकते हैं। ट्रम्प ट्विटर को चुनौती देने के लिए फॉक्स न्यूज या अपनी सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

तो क्या 2025 के चुनाव में ट्रम्प का लड़ना मुश्किल है?

ट्रम्प को समझना आसान नहीं है। अटलांटिक सिटी कसीनो के दिवालिया होने के एक दशक बाद ट्रम्प ने द अपरेंटिस टीवी शो, जो उन्होंने खुद पर बनाया था, के सहारे वापसी की थी। इसके बाद 2016 के चुनाव में उनकी रेटिंग कम होने लगी तो उन्होंंने बराक ओबामा पर नस्लीय टिप्पणी कर दक्षिणपंथी लोगों को आकर्षित किया। उस समय वे राष्ट्रपति चुनाव भी जीते थे। वहीं, बाइडेन से उनकी हार का अंतर भी अनुमान के मुताबिक कम ही रहा है। ऐसे में अभी से ट्रम्प को पूरी तरह खारिज कर देना जल्दबाजी होगी।


Jagruk Janta

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