तीन दिवसीय उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल का हुआ भव्य आगाज, कलाकृतियों की स्टॉल पर उमड़े शहरवासी


उदयपुर। उदयपुर टेल्स की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला तीन दिवसीय उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल के 5 वें संस्करण का भव्य आगाज शुक्रवार को शिल्पग्राम रोड स्थित पार्क एक्सोटिका रिसोर्ट में हुआ।

कहानियों के जश्न ने मन मोहा

उदयपुर स्टोरी फेस्टिवल में मंत्रमुग्ध कर देने वाली कहानियों को बनने और कहानी कहने की परंपराओं के जश्न ने पहुंचे कलाकारों के साथ ही अन्य साहित्य प्रेमियों का मन मोह लिया। उदयपुर टेल्स की सह संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने बताया कि इस उत्सव में विभिन्न शैलियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कहानीकारों, कलाकारों और संगीतकारों की एक मंच पर प्रस्तुतियां होंगी। इस मंच पर दुनिया भर के कहानीकारों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया जायेगा। फेस्टिवल में पूरा फोकस भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कहानीकारों को एक साथ लाने पर रहेगा। पहले दिन स्थानीय कहानीकार विलास जानवे सहित अन्य कहानीकारों ने मनमोहक अंदाज में कहानियों को प्रस्तुत कर लोगों को आकर्षित किया।

कश्ती फाउंडेशन की स्टॉल्स का रहा आकर्षण

स्टोरी फेस्टिवल के तहत विभिन्न कलाकृतियों की स्टॉल्स का भी आयोजन किया गया है इंस्टॉल्स में इंस्टॉल समय कश्ती फाउंडेशन की स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियों का भी प्रदर्शन किया गया है मुख्य रूप से प्रस्तर शिल्प पेंटिंग्स लोहे की कलाकृतियां और आकर्षक फोटोग्राफ्स भी प्रदर्शित किए गए हैं । कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया और नित्या सिंघल ने बताया कि स्टॉल्स पर आज सुबह से ही भीड़ उमड़ी हुई है और विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय साहित्य प्रेमियों और शहर वासियों ने कलाकृतियों की खरीद कर इस फेस्टिवल के प्रति अपने उत्साह का प्रदर्शन किया। इस स्टाल पर साहित्यकार पुरुषोत्तम पल्लव, डॉ. सोफिया नलवाया,प्रस्तर शिल्पकार हेमंत जोशी, गजल गीतकार कपिल पालीवाल, चित्रकार राहुल माली,डॉ. चित्रसेन, नीलोफर मुनीर,चेतन औदीच्य, कमलेश डांगी आदि की कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है।

यह है फेस्टिवल का कार्यक्रम
इस स्टोरी फेस्टिवल में प्रसिद्ध कहानीकार, प्रखर थिएटर कलाकार और फिल्म एवं टीवी अभिनेता मीता वशिष्ठ भाग लेगी। इसके अलावा स्पेन की एक ब्रिटिश-बेल्जियम रेबेका लेमेयर, रहस्यमय भौगोलिक और ऐतिहासिक खोजों पर अपने शोध के आधार पर कहानियाँ गढ़ने के लिए प्रसिद्ध कथाकार, निर्देशक और फिल्म अभिनेता गौतम अग्रवाल; मौखिक कहानी कहने की 13वीं सदी की उर्दू कला,दास्तानगोई के प्रदर्शन में माहिर सैयद साहिल आगा, भारतीय फिल्म उद्योग से एक अभिनेता, लेखक और निर्देशक आधार खुराना, पेशे से लेखक, उद्यमी और शिक्षक और जुनून से एक करिश्माई कहानी कहने वाले गौतम मुखर्जी, रंगमंच, संगीत और नृत्य के तत्वों का उपयोग करके लोककथाओं, मिथकों, सूफी परंपरा की कहानियों, समकालीन कहानियों और मूल कहानियों को प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध उल्का मयूर देश के कुछ कावड़ कथाकारों में से एक अक्षय गांधी, और बेंगलुरु की बहु-प्रतिभाशाली कलाकार अंजना चांडक भाग ले कर इस महोत्सव में चार चांद लगायेंगे। इस महोत्सव में राजस्थान के एक स्वतंत्र कलाकार राहगीर जैसे कुछ सबसे प्रसिद्ध कलाकार भी शामिल होगे, जो अपने भावपूर्ण लोक संगीत के लिए जाने जाते हैं। वह अपने गानों क्या जयपुर क्या दिल्ली, और मेरे गांव आओगे.. से देशभर में मशहूर हो गए। उन्होंने साहित्य आज तक फेस्टिवल, जश्ने रेख्ता, अंजस फेस्टिवल आदि जैसे विभिन्न उल्लेखनीय प्लेटफार्मों पर प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर मंडला घुमाते हुए पवित्र नृत्यों की एक अंतरराष्ट्रीय कलाकार जिया नाथ जो सूफी और गुरजिएफ नृत्य प्रस्तुत करती है और सिखाती है। युगम, एक लोक फ्यूजन बैंड; नया सवेरा, एक अनोखा बैंड जिसमें उदयपुर सेंट्रल जेल के पूर्व कैदी शामिल हैं।


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