छोटे से छोटे व्यक्ति का भी सम्मान करना चाहिए, कभी-कभी नौकर भी बहुत बड़ा आदमी बन सकता है- ज्ञानचंद्र महाराज


बीकानेर। श्री णमोत्थुणं जाप व्यवस्था समिति के बैनर तले हंसा गेस्ट हाउस में 1008 पुरूष व महिलाएं समता साधना का महानुष्ठान एक साथ पांच-पांच सामायिक करके सामूहिक जाप किया। ज्ञानचन्द्र महाराज की सानिध्य में चार घंटे तक चले इस महाजाप के उपरान्त जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि इंसान को छोटे से छोटे व्यक्ति का भी सम्मान करना चाहिये। कभी-कभी नौकर भी बहुत बड़ा आदमी बन सकता है। मन को वश में करने के लिए खान-पान पर भी कंट्रोल होना जरूरी है। आपके अच्छे कामों से आपका दुनिया सम्मान करें वो आपको ऊपर उठाए उसकी जरूरत नहीं है। आप निस्वार्थ भाव से काम करें तो भगवान की भक्ति आपको ऊपर उठा देगी। श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ के अध्यक्ष डॉ नरेश गोयल के अनुसार करीब एक हजार पुरुष महिलाएं पूरे देश के कोने-कोने से पहुंचे हैं । आज सुरेश गोयल, डॉ नरेश,राजेश,प्रवेश गोयल का अरिहंत भवन बनाने की सेवाओं के प्रति राष्ट्रीय महासंघ की ओर से सम्मान किया गया। इसी तरह अरिहंत स्टार के लिए नरेंद्र कक्कड़ का सम्मान किया गया। आचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज साहब के द्वारा तैयार किया गया अरिहंत दर्शन नामक ग्रंथ का विमोचन किया गया । इसी के साथ जैन आगम ज्ञान प्रकाशन की कड़ी में निरयावलिका सूत्र का भी विमोचन हुआ । इस प्रसंग पर विमलचंद सेठिया ,महेंद्र सचेती, शांतिलाल डोशी, प्रकाश गोयल, रवि कोचर,नरेंद्र कक्कड़,नरेंद्र गादिया,अनिल डांगी,नरेश गोयल, इंद्रचंद दुधेडिया,पवन जैन,अजीत सिंह वैद,शरद मालु, राजमाता उषा सेठिया,निर्मला संचेती,सावित्री सेठिया,नीलम जैन,चंद्रा वैद,मंजू गोयल, आदि ने अपनी गरिमा पूर्ण उपस्थिति दी। आज के रोज करीब 1 हजार भाई बहिनों ने एक साथ पांच पांच सामायिक करके धर्मनिष्ठा का अनूठा परिचय दिया।
अरिहंत भक्ति रैली रविवार को
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ के अध्यक्ष डा.नरेश गोयल के अनुसार 27 मार्च रविवार को प्रात: 8:00 बजे जे.आर.एम रामपुरिया भवन महावीर चौक गंगाशहर में सभी रोगों का निदान, सभी समस्याओं का समाधान श्री णमोत्थुणं जाप महाकुंभ हजारों की जनभेदिन के बीच शुभारंभ होगा ।
जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. इसका नेतृत्व करेंगे । णमोत्थुणं जाप में सभी धर्मों के भगवंतों का गुरुओं का स्मरण किया जाता है । इस पाठ से उठने वाली तरंगें, व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए सेंसर का काम करती है। इस पाठ में भाग लेने के लिए मुंबई,बड़ौदा,अलवर,सूरत, मंदसौर, भीलवाड़ा, जयपुर,दिल्ली, ब्यावर, किशनगढ़,गुवाहाटी, गुडग़ांव, आगरा, देशनोक, नोखा, कपासन, उदयपुर, वापी, राजकोट,अहमदाबाद आदि पचासों गांवों शहरों से करीब एक हजार से ऊपर भक्तगण पहुंचे हैं ।


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