प्रजातंत्र बनाम भीड़तंत्र!


प्रजातंत्र में हर आदमी को अपनी बात कहने का हक दिया गया है। मगर इसका यह अर्थ तो कतई नहीं हो सकता कि आप जिद पर ही अड़ जाओ। कुछ झुको और कुछ झुकाओ। इसके बाद अपनी बात बनाओ। यह तो हुआ एक साफ-सुथरा लोकतंत्र। मगर यह राजनीति है ना, इसमें कोई किसी का सगा नहीं है। हालांकि कहते हैं कि राज धर्म से ही चलता है।

शिव दयाल मिश्रा
प्रजातंत्र
में हर आदमी को अपनी बात कहने का हक दिया गया है। मगर इसका यह अर्थ तो कतई नहीं हो सकता कि आप जिद पर ही अड़ जाओ। कुछ झुको और कुछ झुकाओ। इसके बाद अपनी बात बनाओ। यह तो हुआ एक साफ-सुथरा लोकतंत्र। मगर यह राजनीति है ना, इसमें कोई किसी का सगा नहीं है। हालांकि कहते हैं कि राज धर्म से ही चलता है। अगर धर्म नहीं होगा तो अधर्म का राज हो जाएगा। मगर आज धर्म का अर्थ भी सब अपने-अपने हिसाब से लगा रहे हैं। खैर, छोड़ो धर्म की बात। बात यह है कि जब-जब भी भीड़ इकट्ठा हुई है और उस पर से नियंत्रण हटा है वह बेकाबू हो गई है। इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। सरकार अपने तरीके से निपटती है। मगर जो कुछ भी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन हुआ। वह हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा ही कहा जाएगा। दुनिया में हमारे लोकतंत्र का उदाहरण दिया जाता है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र। मगर 26 जनवरी को लोकतंत्र पर भीड़तंत्र भारी पड़ गया है। जिसके घाव अभी होते ही जा रहे हैं। किसानों से कई दौर की बातचीत हुई वह भी कोई समाधान नहीं निकाल पाई। पिछले साल शाहीन बाग हुआ। इस वर्ष किसान आंदोलन हो गया। अभी पिछले दिनों अमेरिका में भीड़ व्हाइट हाउस में घुस गई। वही नजारा लाल किले में देखने को मिला। अनियंत्रित भीड़ को अयोध्या में भी देखा गया। कई वर्ष पहले मिस्र में भी भीड़ तंत्र को देखा गया। वहां जो हुआ वो पूरे विश्व ने देखा। भीड़ को काबू करने के लिए नहीं चाहते हुए भी सख्ती बरतनी पड़ती है और इसमें कईयों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ जाता है। इसलिए किसान आंदोलन में जो अराजक तत्वों की घुसपैठ हो गई है उससे निपटने के लिए ऐसे तत्वों को अलग-थलग करना ही पड़ेगा। हालांकि स्थिति विचित्र सी बनी हुई है। मगर इस आंदोलन को समझ-बूझ के साथ सरकार को शांत करना चाहिए। 26 जनवरी के बाद यह आंदोलन अनियंत्रित सा हो गया है। ऐसा सदा जैसे कोई इनकी अगुवाई करने वाला कोई नेतृत्व ही नहीं है। हालांकि सरकार कहती है कि किसानों के हित में कानून बनाया गया है जबकि कुछ किसान इसे किसानों के खिलाफ बता रहे हैं। ऐसी विरोधाभासी और पीड़ादायक स्थिति से सरकार कैसे निपटेगी। यह तो आने वाले दिनों में सामने आएगा।
[email protected]


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Jagruk Janta 3-9 Feb 2021

Tue Feb 2 , 2021
Post Views: 314

You May Like

Breaking News