टीम इंडिया की जीत पर मोदी बोले कुछ खिलाड़ियों में अनुभव कम पर हौसला बुलंद था; उन्होंने इतिहास रच दिया


मोदी असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- टीम इंडिया की परफॉर्मेंस एक सीख है कि हमें अपनी योग्यता पर भरोसा होना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने टीम इंडिया की ऑस्ट्रेलिया में जीत का खास तौर से जिक्र किया। मोदी ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए हमारे कुछ खिलाड़ियों को अनुभव भले ही कम था, लेकिन हौसला बुलंद था। मौका मिला तो उन्होंने इतिहास रच दिया।”

मोदी के भाषण की खास बातें

भारतीय टीम की जीत से 3 सीख मिलती हैं

  • अपनी क्षमताओं पर विश्वास होना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो मुश्किल काम भी आसान होगा।
  • पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ें। इससे सारे काम पॉजिटिव होंगे।
  • सुरक्षित निकलने और मुश्किल जीत का विकल्प हो तो, हमें जीत की तरफ जाना चाहिए। इस कोशिश में कभी-कभी हार भी मिलती है, तो हमें डरना नहीं चाहिए। हम अतिरिक्त दबाव लेते हैं, तो भटक जाते हैं।

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में देश का टेम्परामेंट दिखाया
आपने देखा होगा कि कोरोना काल में आत्मनिर्भर अभियान हमारे सपनों के अंदर घुल मिल गया है। हमारे प्रयास, सिद्धि हम अनुभव कर रहे हैं। लेकिन ये अभियान है क्या? क्या बदलाव फिजिकल स्ट्रक्चर में है? सबसे बड़ा बदलाव इंस्टिंक्ट का है। हर समस्या से निपटने के लिए देश का मिजाज बदल चुका है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया टूर में देश का टेम्परामेंट देखने को मिला। पहले मैच में बुरी हार हुई, लेकिन बाद में युवा खिलाड़ियों ने चैलेंज का सामना किया। नए समाधान तलाशे।

हमारी वैक्सीन पूरी दुनिया को सुरक्षा का भरोसा दे रही
कोरोना में हमने तेजी से फैसले लिए, इसलिए हम प्रभावी रूप से लड़ पाए। मेड इन इंडिया सॉल्यूशन से वायरस के प्रभाव को कम किया। हमारी वैक्सीन की क्षमता भारत ही नहीं, दुनिया को सुरक्षा कवच का भरोसा दे रही है। अगर हम अपने डॉक्टर्स, रिसर्चर्स पर भरोसा नहीं करते तो क्या ये संभव हो पाता? अगर हम ये सोच लेते कि कम लिटरेसी के बावजूद देश की बड़ी आबादी डिजिटल ट्रांजैक्शन कैसे कर पाएगी, तो हम पीछे रह जाते। इसके उलट हमने बेहतर करके दिखाया।

देश की आजादी में असम का बड़ा योगदान
भूपेन हजारिका दा के साथ ही ज्योति प्रसाद अग्रवाल और विष्णु प्रसाद तेजपुर की पहचान रहे हैं। आप इनकी कर्मभूमि-जन्मभूमि में पढ़े हैं, इसलिए आपमें गर्व का भाव होना और गौरव के कारण आत्मविश्वास से भरा जीवन होना बहुत स्वाभाविक है। हमारा देश इस बार आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी दिलाने में असम के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपना जीवन दे दिया, जवानी खपा दी।


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

एयर रिफ्यूलर में बैठ सीडीएस बिपिन रावत ने आसमान में बेहद पास से युद्धाभ्यास देखा, कुछ और राफेल खरीद की डील कर सकता है भारत

Fri Jan 22 , 2021
जनरल बिपिन रावत भी गुरुवार को जोधपुर में युद्धाभ्यास के दौरान पहुंचे। उन्होंने फ्रांस के एयर रिफ्यूलर में उड़ान भरकर आसमान में बेहद करीब से युद्धाभ्यास का नजारा देख इसके रोमांच को अनुभव किया। जोधपुर। जनरल बिपिन रावत भी गुरुवार […]

You May Like

Breaking News