नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे थे सवाल, अब केंद्र सरकार ने गिनवाए नोटबंदी के फायदें


नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे थे सवाल, अब केंद्र सरकार ने गिनवाए नोटबंदी के फायदें

नई दिल्ली। 6 साल पहले साल 8 नंवबर 2016 की रात 8 बजे भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसी घोषणा की थी जिसके बाद पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल छा गया था। इस ऐलान के बाद अगले दिन बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई थी कि उनकी जमा-पूंजी के नोटों को बदल कर दूसरे नोट मिल जाये।

नोटबंदी के वक्त केंद्र सरकार ने 4 बड़े दावे किए थे जिनमें इससे देश का काला धन  बाहर आएगा, भ्रष्टाचार खत्म होगा, नकली नोटों का प्रचलन पूरी तरह से बाहर हो जाएगा और नक्सली और आतंकी संगठनों को मिलने वाली फंडिंग पर भी लगाम लगेगी। सरकार के द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं कि उस वक्त उन्हें कितनी बड़ी परेशानियों का सामना  करना पड़ा था। देश के लोगों को केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से सवाल कर रही है कि आखिर नोटबंदी से देश को ऐसे कौन से बड़े फायदे हुए।

सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार और आरबीआई से नोटबंदी के फैसले पर डिटेल में जवाब मांगा था। अदालत ने कहा था कि केंद्र और आरबीआई 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले पर हलफनामा दाखिल करें।  सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने नोटबंदी के कई सारे फायदे गिनवाए हैं।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि आरबीआई के साथ नोटबंदी को लेकर अच्छी तरह से विचार-विमर्श किया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया था कि इसपर आरबीआई के साथ परामर्श फरवरी 2016 में ही शुरू हुआ था। लेकिन इस परामर्श और फैसले को गोपनीय रखा गया था।

केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि यह फैसला निर्णय 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के लिए आरबीआई की सिफारिश और प्रस्तावित योजना पर आधारित था। जाली नोटों और टेरर फंडिंग से लड़ने के लिए ये फैसला लिया गया था। आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों की मौजूदा सीरीज को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को एक विशेष सिफारिश की। आरबीआई ने सिफारिश को जामा पहनाने के लिए एक ड्राफ्ट स्कीम भी प्रस्तावित की। सिफारिश और ड्राफ्ट पर केंद्र सरकार द्वारा विधिवत विचार किया गया था।

इन बदलावों में अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति के लिए पेश किए गए नए बैंक नोटों के डिजाइन और स्पेसिफिकेशन में बदलाव किए गए थे। इसलिए तैयारियों में नए डिजाइनों को अंतिम रूप देना, नए डिजाइनों के लिए इंक और प्रिंटिंग प्लेट्स बनाने, प्रिंटिंग मशीनों में बदलाव शामिल हैं। देश की आर्थिक नीतियों के बदलाव में नोटबंदी सबसे अहम और महत्वपूर्ण कदम था। इससे नकली नोटों और जरुरत से ज्यादा धन रखने वाले लोगों का पर्दापाश हुआ था।


Jagruk Janta

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