- वोटर्स को लुभाने के लिए:4 उपचुनाव वाले क्षेत्रों के लिए बजट से 5 दिन पहले सरकार ने खोला घोषणाओं का पिटारा, चारों क्षेत्रों में 137 करोड़ के कामों का लोकार्पण-शिलान्यास
- 4 जिले में जल्द आचार संहिता लगने की संभावना है, इसलिए योजनाओं की घोषणा की गई
- उपचुनावों में भाजपा सरकार के वक्त भी ऐसा हुआ था, लेकिन ऐन वक्त पर की गई घोषणाएं जीत की गारंटी नहीं
जयपुर। राजस्थान में 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की सरगर्मी बढ़ गई है। उपचुनाव वाले इलाकों में वोटर्स को लुभाने के लिए कांग्रेस सरकार और संगठन ने पूरा दमखम लगाने का फैसला किया है। राज्य का बजट आने से पहले ही उपचुनाव वाले इलाकों में लोकार्पण, शिलान्यास और घोषणाओं का अंबार लगा दिया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने स्पीकर सीपी जोशी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्रियों की मौजूदगी में उपचुनाव वाले क्षेत्रों के लिए 137 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उदयपुर के वल्लभनगर, चूरू के सुजानगढ, भीलवाड़ा के सहाड़ा, राजसमंद इन 4 सीटों वाले क्षेत्रों के विकास कामों का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
यह घोषणाएं हुई
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में शहरी विकास के कामों की अनेक घोषणाएं की। धारीवाल ने कहा कि भीलवाड़ा जिले में भील समाज के छात्रों के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। सहाड़ा की गंगापुर नगरपालिका में 200 करोड़ की लागत से विकास कार्य करवाने की घोषणा की गई। एडीबी से कर्ज मंजूर होने पर काम होंगे। 2 करोड़ की लागत से गंगापुर नगरपालिका में फायर फाइटिंग सिस्टम, वाहन और सफाई उपकरण खरीदने की घोषणा की गई। 28 करोड़ की लागत से राजसमंद कैनाल को पक्का कराने की घोषणा की गई। इसमें 200 किलोमीटर नहरी क्षेत्र है। राजसमंद शहर में 10 किलोमीटर नहर का बहाव है। राजसमंद में मार्बल मंडी की घोषणा की, कचरा निस्तारण के लिए 1 करोड की लागत से प्लांट बनाने 4.37 करोड़ की लागत से राजसमंद में कचरा निस्तारण प्लांट लगाने की घोषणा की।
जल्द आचार संहिता लगने की संभावना
उपचुनाव वाले इलाकों में शिलान्यास और नई घोषणाओं में सरकार और संगठन रणनीति के तहत जल्दी दिखा रहे हैं। चुनाव आयोग उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कभी भी कर सकता है, ऐसे में आचार संहिता लगने के बाद नई घोषणाएं और शिलान्यास लोकार्पण नहीं किए जा सकते। राजसमंद में दो दिन पहले मंत्रियों ने विकास के कई कामों की घोषणा की थी, उनमें से कई का आज शिलान्यास हुआ।
बजट से पहले नई घोषणाओं पर सियासी विवाद तय
उपचुनाव वाले इलाकों में नए कामों के शिलान्यास और नई घोषणाओं पर सियासी विवाद होना भी तय माना जा रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि 6 दिन बाद राज्य का बजट पेश होना है। विपक्षी भाजपा जल्दबाजी में की जा रही इन घोषणाओं पर पहले से ही सवाल उठाती रही है। दो दिन पहले मंत्रियों के राजसमंद में की गई घोषणाओं के बाद भाजपा ने इसे सियासी जुमला और सत्ता का दुरुपयोग बताया था।
उपचुनावों में भाजपा सरकार के वक्त भी ऐसा हुआ था
यह पहला मौका नहीं है जब कोई सरकार उपचुनाव वाले इलाकों में विकास की ताबड़तोड़ घोषणाएं और लोकार्पण शिलान्यास कर रही हो। भाजपा राज के दौरान हुए उपचुनावों में भी ऐसा हो चुका है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उपचुनाव से पहले उन इलाकों में विकास की घोषणाओं को चुनावी जीत की गारंटी नहीं माना सकता। अब तक का इतिहास यही बताता है।
भाजपा राज में धौलपुर उपचुनाव से पहले खूब नए कामों की घोषणा की और पूरे मंत्रियों को लगाया गया था। उस उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली, लेकिन 2018 में अजमेर और अलवर लोकसभा सीट और मांडलगढ विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा की करारी हार हुई थी।