राजस्थान में रुके हुए टीकाकरण के मामले पर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, केंद्र के द्वारा डोज की कमी के चलते वैक्सीनेशन को धीमा करने को कहा गया है।
जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान में रुके हुए टीकाकरण के मामले पर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, केंद्र के द्वारा डोज की कमी के चलते वैक्सीनेशन को धीमा करने को कहा गया है। मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि, इस विवाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कूद पड़े। गहलोत ने ट्विटर पर लगातार 7 ट्वीट करके केन्द्र सरकार की ओर से राज्य में भेजी गई वैक्सीन और जारी किए आंकड़ों को गलत ठहरा दिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर राज्य के वैक्सीनेशन डेटा को शेयर किया। साथ ही कहा कि केंद्र की और से जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वह गलत है। इसके अलावा वैक्सीनेशन को लेकर जिस तरह की गलतबयानी केंद्रीय मंत्रालय की ओर से की जा रही है, उससे राज्य के आम नागरिक व इस महामारी से फ्रंटलाइन पर खड़े होकर निपट रहे लोगों के हौसलें में कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, केंद्र सरकार के द्वारा डोज न भेजे जाने के कारण हमने मजबूरन प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC)व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत फ्रेश डोज (पहली डोज लगाने) को बंद करना पड़ा है।
इससे पहले प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने विधानसभा के बाहर केंद्र पर आरोप लगाते हुए वैक्सीन उपलब्ध न करवाने और राज्य में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को धीमा करने जैसा बड़ा बयान सभी को चौंका दिया था। जिसके बाद उन्होंने आंकड़ें प्रस्तुत करते हुए बताया ता कि केन्द्र सरकार हमें कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है। हालाँकि, डॉ. शर्मा के इस आरोप के प्रतिउत्तर में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आधिकारिक आंकड़े जारी कर डॉ. शर्मा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट्स करते हुए लिखा कि, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि राजस्थान को 37.61 लाख कोविड वैक्सीन मिली एवं कल तक 24.28 लाख वैक्सीन ही लगाई गई हैं। यह डाटा पूर्णतः गलत है। 8 मार्च तक राजस्थान को 31,45,340 वैक्सीन प्राप्त हुई। इनमें से 2,15,180 वैक्सीन सेना को उपलब्ध करवाई गई हैं। नियमानुसार अन्य लोगों को लगाने के लिए 29,30,160 उपलब्ध हुईं। 8 मार्च तक 23,26,975 वैक्सीन प्रदेश में लगाई जा चुकी हैं। 1,62,888 वैक्सीन खराब हुईं जो केन्द्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से भी कम है। इस प्रकार प्रदेश में 8 मार्च को 4,40,297 वैक्सीन ही उपलब्ध थीं।
उन्होंने आगे लिखा कि, राज्य में प्रतिदिन दो लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में 8 मार्च को सिर्फ दो दिन का वैक्सीनेशन करने के लिए ही वैक्सीन उपलब्ध थीं इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अतिरिक्त वैक्सीन भेजने की मांग की। जिसके बाद प्रदेश को 9 मार्च को 85 हजार वैक्सीन प्राप्त हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राजस्थान के संबंध में जारी किया गया डाटा पूरी तरह गलत है। मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से अपील करूंगा कि वे अपने अधिकारियों को जल्दी ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने और राजस्थान के बारे में गलत जानकारी ना देने के लिए निर्देश दें।
सी.एम. गहलोत ने कहा कि, तीसरे चरण में देश का लगभग 22 प्रतिशत वैक्सीनेशन राजस्थान में ही किया जा रहा है। यहां पर सरकार और आमजन दोनों ही वैक्सीन को लेकर उत्साहित हैं। लेकिन केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा इस तरह की गलतबयानी करने से प्रदेश के नागरिकों और कोरोना वॉरियर्स का हौसला कम होगा तथा जैसा कि कहा जा रहा है केन्द्र वैक्सीन 5-7 दिन में उपलब्ध करवा सकेगा, इससे पुनः वैक्सीनेशन में परेशानी आ सकती है। इस अनिश्चितता को देखते हुए केवल मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं प्राईवेट अस्पतालों में ही वैक्सीनेशन को चालू रखा गया तथा कुछ जिलो में पीएचसी/सीएचसी स्तर पर मजबूरन वैक्सीन की प्रथम डोज बंद करनी पड़ी है।



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