बीकानेर@जागरूक जनता। कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार का 29 अक्टूबर को 46 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सुबह उन्हें सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल ले जाया गया।
एक्सपर्ट का कहना है कि एक दशक पहले की तुलना में युवा आयु वर्ग में दिल के दौरे अधिक आम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को इन स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रण में रखना चाहिए और नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि धूम्रपान में वृद्धि, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास और मधुमेह कुछ सामान्य जोखिम कारण हैं। दुनिया भर के अन्य लोगों की तुलना में भारतीयों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है, शारीरिक व्यायाम की कमी प्रमुख कारणों में से एक है। अधिक व्यायाम करना भी हानिकारक हो सकता है।
मैराथन धावकों में भी ज्यादा होते हैं हार्ट ब्लॉकेज के मामले
मैराथन धावकों में भी हार्ट ब्लॉकेज के मामले ज्यादा होते हैं। 40 के बाद कार्डियो एक्सरसाइज करें। व्यायाम के गंभीर रूपों में पट्टिका का टूटना हो सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।”2019 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2014-2019 के बीच दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों की संख्या में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
एक्सपर्ट का कहना है कि कार्डिएक अरेस्ट का मतलब है, दिल की अनियमित धड़कन से मौत। दिल का दौरा पड़ने पर सबसे ज्यादा मौतें पहले घंटे में होती हैं और ज्यादातर मौतें अनियमित दिल की धड़कन के कारण होती हैं। आज ज्यादातर लोग अस्पताल पहुंचने के बाद बच जाते हैं, लेकिन पहले घंटे में जब आपको पता ही नहीं चलता कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो उस समय एक अनियमित धड़कन आपकी जान ले सकती है।
डॉक्टर ने कहा कि कमजोर दिल, इलेक्ट्रोलाइट के स्तर में बदलाव जैसे अन्य कारणों से भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। “तो, कार्डियक अरेस्ट का मतलब हार्ट अटैक नहीं है। हालांकि, दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।”