कॉनफैड के ग्रीन इनीशियेटिव में कृभको ने मिलाया हाथ -सहकार उपहार स्टोर से सब्जियां खरीदने के लिये उपलब्ध कराये कपड़े के बैग

पतंजलि देश की जानी-मानी कंपनी है। यह दिग्‍गज मल्‍टीनेशनल कंपनियों को टक्‍कर दे रही है। पतंजलि के प्रोडक्‍ट आज घर-घर में पहुंच चुके हैं। इस कंपनी का चेहरा अगर बाबा रामदेव हैं तो आत्‍मा आचार्य बालकृष्‍ण। आचार्य बालकृष्‍ण को इस कंपनी की ताकत कहा जाता है। पतंजल‍ि को ब्रांड बनाने में उनका बड़ा श्रेय है।

हम सभी ने पतंजलि का नाम सुना है। यह भारतीय फूड ब्रांड है। कुछ ही सालों में यह कंपनी तेजी से उभरी। नौबत यह आ गई कि पतंजलि बड़े ग्‍लोबल ब्रांडों को कड़ी टक्कर देने लगी। हम सभी पतंजलि को योग गुरु बाबा रामदेव से जोड़ते हैं। सही भी है। लेकिन, एक और शख्स है जो चुपचाप अपना काम करता है। ब्रांड की इतनी बड़ी सफलता के पीछे यह शख्‍स असली ताकत है। उनका नाम है आचार्य बालकृष्‍ण। आचार्य बालकृष्ण कंज्‍यूमर गुड्स कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन और सीईओ हैं। उन्हें बाबा रामदेव के दाहिने हाथ के तौर पर देखा जाता है। कम ही लोग जानते हैं कि दिन में 15 घंटे से अधिक समय तक मेहनत करने के बावजूद बालकृष्ण कोई वेतन नहीं लेते हैं।

बाबा रामदेव से यहां हुई मुलाकात
आचार्य बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार में एक नेपाली परिवार में हुआ था, जो भारत आ गया था। हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में बाबा रामदेव से उनकी मुलाकात हुई। आचार्य बालकृष्ण ने बाबा रामदेव और आचार्य कर्मवीर के साथ 1995 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की। इसे हरिद्वार के कृपालु बाग आश्रम में स्थापित किया गया था।

पतंजलि आयुर्वेद की स्‍थापना
इस तिकड़ी ने 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की। ये तीनों आपस में एक-दूसरे से जुड़े रहे। पतंजलि को बाबा के भक्तों और उनकी ओर से प्रदान किए गए दान से पैसा मिलता रहा। बाबा रामदेव की पतंजलि में कोई हिस्सेदारी नहीं है। हालांकि, वह ब्रांड के चेहरे के रूप में काम करते हैं।

बिना वेतन करते हैं 15 घंटे काम
हमेशा सफेद धोती और कुर्ता पहने बालकृष्ण कड़ी मेहनत में विश्वास करते हैं। बिना किसी वेतन के दिन में 15 घंटे काम में लगे रहते हैं। उन्‍हें लो प्रोफाइल रहना पसंद हैं। हालांकि, वह एक कुशल आयुर्वेद चिकित्सक और लोकप्रिय टीवी पर्सनैलिटी हैं।

आचार्य बालकृष्ण की नेटवर्थ
फोर्ब्स वेल्थ ट्रैकर के अनुसार, बालकृष्ण भले कोई वेतन नहीं लेते हैं। लेकिन, उनकी कुल संपत्ति लगभग 3.6 अरब डॉलर आंकी गई है। कंज्‍यूमर गुड्स की दिग्गज कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के जर‍िये बालकृष्ण की संपत्ति दिनोंदिन बढ़ रही है। बालकृष्ण निजी तौर पर कंपनी के बड़े हिस्से के मालिक हैं।

पतंजलि की सफलता
बाबा रामदेव की लोकप्रियता और पतंजलि के उत्पादों की श्रृंखला ने बहुत जल्दी इसे घर-घर तक पहुंचाया है। पतंजलि की पहचान एक ऐसे ब्रांड के रूप में है जिसकी जड़ें भारतीय संस्कृति में हैं। वह विदेशी ब्रांडों की गुणवत्ता का भी मुकाबला कर सकती है। पतंजलि हर्बल टूथपेस्ट और सौंदर्य प्रसाधन से लेकर नूडल्स और जैम तक सब कुछ बेचती है।

करोड़ों का टर्नओवर
पतंजलि ने 2012 में 5.6 करोड़ डॉलर का रेवेन्‍यू रिपोर्ट किया था। यह कमाई 2015 में बढ़कर 6.3 करोड़ डॉलर हो गई। कारोबार ने 2019-2020 में 9022 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि ने कई ई-कॉमर्स दिग्गजों जैसे अमेजन और बिगबास्केट के साथ समझौते किए हैं। खाद्य तेल निर्माता रुचि सोया का बालकृष्ण ने 2019 में अधिग्रहण किया था। इसका नाम बदलकर पतंजलि फूड्स कर दिया गया है।

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