राजस्थान में विधायकों के निधन से अब तक 22 उपचुनाव, आठ-आठ बार भाजपा-कांग्रेस ने फहराया परचम


1965 से लेकर 2021 तक निधन के कारण हो चुके हैं 22 उपचुनाव, 19 उपचुनाव में से 8 कांग्रेस, 8 बार भाजपा ने जीत दर्ज की, दो बार जनता पार्टी और एक बार एनसीजे पार्टी ने जीत दर्ज की, अब तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव का परिणाम का इंतजार

जयपुर। प्रदेश में दिवंगत विधायकों के निधन के चलते 3 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम का इंतजार दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस बेसब्री से कर रहे हैं । 2 मई को उपचुनाव का परिणाम जारी होगा उसके साथ ही तय हो जाएगा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा किसके पक्ष में उपचुनाव का मतदान गया।

हालांकि 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 2019 से लेकर अप्रैल 2021 तक 5 उप चुनाव हो चुके हैं। 2019 में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में खींवसर से भाजपा-रालोपा गठबंधन के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल जीत चुनाव जीते तो मंडावा से कांग्रेस की चौधरी चुनाव जीती।

हालांकि इन दो सीटों पर हुए उपचुनावों में हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद बनने और नरेंद्र खींचड़ के झुंझुनूं से सांसद बनने के चलते इन दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, लेकिन दिवंगत विधायकों के निधन के चलते सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद में उपचुनाव हुए हैं। विधायकों के निधन के चलते अब तक 22 बार उपचुनाव हो चुके हैं। जिसमें कांग्रेस और भाजपा बराबर रही हैं।

8-8 बार भाजपा-कांग्रेस ने फहराया परचम
दिवंगत विधायकों के निधन के चलते अब तक प्रदेश में 1965 से लेकर अब तक 22 बार विधानसभा उपचुनाव हुए हैं, जिनमें 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो वहीं 8 बार भाजपा ने अपना परचम लहराया है। वहीं भाजपा के अस्तित्व में आने से पहले निधन के चलते दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जनता पार्टी भी जीत दर्ज कर चुकी है।

1978 में हुए उपचुनाव में रूपवास से जनता पार्टी के डी राम और बनेड़ा से जनता पार्टी के कल्याण सिंह कालवी जीत दर्ज कर चुके हैं। इसके अलावा 1970 में नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र में दिवंगत विधायक के निधन के चलते हुए उपचुनाव में एक अन्य दल एनसीजे के प्रत्याशी एस.सिंह भी जीत दर्ज कर चुके हैं।

निधन के चलते 1965 से लेकर अब तक हुए उपचुनाव का परिणाम

कांग्रेस ने कब-कब जीते उपचुनाव
साल— विधानभा क्षेत्र– दल—— प्रत्याशी

1965— राजाखेड़ा— कांग्रेस— दामोदर व्यास
1982— सरदारशहर – कांग्रेस—-कृष्ण चंद
1984—- थानागाजी—कांग्रेस—- के डी लाल
1988—— खेतड़ी—-कांग्रेस—-जितेंद्र सिंह
1985—– करणपुर—-कांग्रेस—आई कौर
1995—– बयाना——कांग्रेस—बृजेंद्र सिंह सूपा
2002–अजमेर पश्चिम- कांग्रेस—नानकराम जगत राय
2006— डूंगरपुर —– कांग्रेस —पूंजीलाल परमार

भाजपा ने कब-कब जीते उपचुनाव
साल—– विधानभा क्षेत्र—– दल—— प्रत्याशी

1994— राजाखेड़ा —- बीजेपी—— मनोरमा सिंह
1995—- बांसवाड़ा — बीजेपी—-भवानी जोशी
1995—- भीलवाड़ा—बीजेपी—-रिछपाल नुवाल

2000—-लूणकरणसर— बीजेपी—मानिकचंद सुराणा
2002—- बानसूर—– बीजेपी—–रोहिताश शर्मा
2002—- सागवाड़ा—बीजेपी——कनक मल कटारा
2005—- लूणी—- – बीजेपी—– जोगाराम पटेल

2006—- डीग—–भाजपा—–दिव्या सिंह


ये दल भी जीते उपचुनाव

साल—– विधानभा क्षेत्र—– दल—— प्रत्याशी

1970 —–नसीराबाद—–एनसीजे- एस.सिंह
1978— रूपवास—– जनता पार्टी—डी राम
1978—- बनेड़ा—–जनता पार्टी—-कल्याण सिंह कालवी


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