ड्रिप-फव्वारा सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए 15 अगस्त तक कर सकेंगे आवेदन


ड्रिप-फव्वारा सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए 15 अगस्त तक कर सकेंगे आवेदन

बीकानेर@जागरूक जनता। जिले में बीकानेर, नोखा, कोलायत, श्रीडूंगरगढ़ तहसील के टयूबवैल क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर 1200 से 1400 फुट तक पहुंच गया है और यह लगातार गिरता जा रहा है। नहरी क्षेत्र में जल की कमी हो रही है। इसके मद्देनजर उपलब्ध जल के अधिकतम उपयोग तथा सिंचाई दक्षता बढाने और ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ को ध्यान रखते हुए उद्यान विभाग द्वारा ड्रिप सिंचाई, मिनी फव्वारा व फव्वारा सिंचाई के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषकों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित करने हेतु अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक जयदीप दोगने ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जानकारी किसानों को प्रदान करने व ऑनलाईन आवेदन की प्रकिया से अवगत करवाने के लिए किसान सेवा केन्द्र पंचायत समिति श्रीडूंगरगढ़, नोखा व खाजूवाला, में 11 अगस्त तथा किसान सेवा केन्द्र, पंचायत समिति बीकानेर, कोलायत व लूनकरणसर में 13 अगस्त को सहायक निदेशक, उद्यानिकी द्वारा शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

*ड्रिप संयंत्र के लिए दिया जाता है अनुदान*

दोगने ने बताया कि जिले में अनार, खजूर, किन्नू, बेर आदि फलदार बगीचों  की स्थापना व सब्जी की खेती में सिंचाई हेतु ड्रिप संयंत्र पर अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार वर्तमान में जिले में बीटी कपास का क्षेत्र भी प्रति वर्ष बढ़ रहा है। बीटी कपास में सिंचाई के लिए यदि किसान ड्रिप संयंत्र लगाता है तो पानी की बचत के साथ ही फसल हेतु आवश्यक घुलनशील उर्वरक भी ड्रिप के माध्यम से फसल की जड़ों तक पहुंचाए जा सकते हैं। इससे मानव श्रम के साथ जल व उर्वरक की बचत तो होती ही है। साथ ही फसल में कीट व रोगों का प्रकोप कम होता है व खेत में खरपतवार भी नहीं होती है। मिनीस्प्रिंकलर के माध्यम से मूंगफली, गेहूँ, चना, मेथी, जीरा आदि फसलों में आसानी से सिंचाई की जा सकती है।
इस प्रकार श्रम व आदानों की लागत में कमी कर तथा जल बचत के माध्यम से कृषक अपनी खेती को सतत बना सकता है।

*सूक्ष्म सिंचाई के हैं कई फायदे*

दोगने ने बताया कि इससे कम पानी से अधिक क्षेत्र में सिंचाई व फसल पैदावार में बढ़ोतरी एवं उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। असमतल भूमि पर भी आसानी से सिंचाई की जा सकती है। उर्वरकों का दक्षतापूर्वक उपयोग होता है, जिससे उर्वरकों पर आने वाली लागत में कमी आती है।  खरपतवारों का प्रकोप कम होता है तथा फसल की उत्पादन लागत में कमी आती है।

*ई मित्र से करना होगा आवेदन*

सहायक निदेशक ने बताया कि सूक्ष्म सिचाई अनुदान योजना का लाभ लेने की लिए कृषक द्वारा ई-मित्र के माध्यम से राजकिसान पोर्टल पर 15 अगस्त तक आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए जमाबंदी, नक्शा, गिरदावरी (जो छः माह से अधिक पुरानी न हो), खाते का बैंक विवरण, आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, सादे कागज पर शपथ पत्र व संबधित विक्रेता या निर्माता का कोटेशन, पानी-मिट्टी की जांच रिपोर्ट, सिंचाई हेतु उर्जा स्त्रोत यथा बिजली का बिल, सोलर या डीजल इंजन का बिल तथा ड्रिप व मिनि स्प्रिंकलर संयंत्र हेतु संयंत्र का डिजाइन ऑनलाईन आवेदन के साथ लगाना होगा।

*मिलेगा इतना अनुदान*

दोगने ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा निर्धारित की गई ईकाई लागत का सामान्य श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत व लघु व सीमान्त श्रेणी के कृषकों को 70 प्रतिशत तक अनुदान देय है। अनुदान राशि का भुगतान कृषक के नाम से दिये गये बैंक में विवरण के अनुसार कृषक के खाते में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ज्यादा से ज्यादा कृषकों को जल बचत की जानकारी देते हुए, मिनिस्प्रिंकलर लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे जिले में जल के अतिदोहन को रोका जा सकेगा। साथ ही उपलब्ध सिंचाई जल का समुचित उपयोग कर फल, सब्जी व फसलों का प्रति ईकाई उत्पादन बढाने के साथ कृषकों की आय में भी वृद्धि हो।


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

121 साल का इंतजार खत्म:नीरज ने जीता गोल्ड

Sat Aug 7 , 2021
चोपड़ा ने भारत को एथलेटिक्स में अब तक का पहला गोल्ड दिलाया, 87.58 मीटर थ्रो के साथ टॉप पर रहे टोक्यो। भारत का एथलेटिक्स में मेडल जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया है। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा […]

You May Like

Breaking News