चायवाले से चीन तक, UN के मंच से दुनिया को मोदी ने दिया संदेश


संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में जहां भारतीय लोकतंत्र की ताकत का खूबसूरत अंदाज में जिक्र किया, वहीं यह भी साफ किया कि भविष्य भारत का है। उन्होंने आतंकवाद और विस्तारवाद को लेकर बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन को निशाने पर लिया, वहीं अफगानिस्तान को लेकर दुनिया को चेताया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की दमदार भूमिका को स्पष्ट किया। यह एक तरह से मुनादी था कि दुनिया भारत को नजरअंदाज करके नहीं चल सकती। भारत बढ़ेगा तभी दुनिया बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की अपनी पुरानी मांग को पुरजोर तरीके से उठाया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की ताकत का बखान किया तो अफगानिस्तान के नाजुक हालात को लार टपकाकर देखने वाली खुदगर्ज ताकतों को भी नसीहत दी। आतंकवाद को औजार की तरह इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान को बिना नाम दिए चेताया। पीएम मोदी ने समंदर को दुनिया की साझी विरासत बताते हुए चीन को भी संदेश दिया। वहीं, दुनियाभर में जरूरतमंदों को वैक्सीन सुनिश्चित करने के लिए एकजुटता की अपील करते हुए ‘सेवा परमो धर्मः’ के भारतीय दर्शन की बात की।

चायवाला भी बन सकता है पीएम, यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत
अपने तकरीबन 22 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने खुद की नजीर देते हुए भारतीय लोकतंत्र की ताकत का बखान किया कि किस तरह एक चायवाला भी देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है। उन्होंने भारत को दुनिया के सभी लोकतंत्रों की जननी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि वह एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में जाना जाता है। जहां कभी रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करने वाला छोटा लड़का आज भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार UNGA को संबोधित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां दर्जनों भाषाएं, सैकड़ों बोलियां, विभिन्न जीवन शैलियां और व्यंजन हैं। यह एक जीवंत लोकतंत्र का सबसे अच्छा उदाहरण है।

भारत बढ़ेगा तभी दुनिया बढ़ेगी
भविष्य भारत का है, इसको स्पष्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की तरक्की तभी होगी जब भारत बढ़ेगा। उन्होंने कहा , ‘आज विश्व का हर छठा व्यक्ति भारतीय है है। जब भारतीयों की प्रगति होती है, तो विश्व के विकास को भी गति मिलती है।’ मोदी ने कहा, ‘जब भारत बढ़ेगा तो विश्व बढ़ेगा। जब भारत सुधार करेगा तब विश्व का कायापलट होगा।’ उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे साइंस और टेक्नॉलजी से जुड़े इनोवेशन दुनिया की बहुत मदद कर सकते हैं।

आतंकवाद पर बिना नाम लिए पाकिस्तान पर वार, दुनिया को नसीहत
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘प्रतिगामी सोच’ वाले जो देश आतंकवाद का ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें जरूर समझना चाहिए कि उनके लिए भी यह ‘समान रूप से एक बड़ा खतरा’ है। उन्होंने कहा, ‘आज, विश्व प्रतिगामी सोच के बढ़ते खतरे और चरमपंथ का सामना कर रहा है। ऐसी स्थिति में पूरे विश्व को विकास के लिए विज्ञान आधारित, तार्किक और प्रगतिशील सोच को आधार बनाना चाहिए। विज्ञान आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए भारत अनुभव आधारित ‘लर्निंग’ को बढ़ावा दे रहा है।’ पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘वहीं दूसरी ओर, प्रतिगामी सोच वाले जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल एक राजनीतिक औजार के रूप में कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी समान रूप से बड़ा खतरा है।’

अफगानिस्तान पर चेताया- आतंकवाद फैलाने के लिए न हो इस्तेमाल
पीएम मोदी ने अपने भाषण में अफगानिस्तान के नाजुक हालात का जिक्र किया। साथ में उन्होंने दुनिया को आगाह भी किया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अफगान धरती का इस्तेमाल कोई अपने स्वार्थ के लिए न करे, आतंकवाद फैलाने के लिए न करे। यहां उनका स्पष्ट इशारा पाकिस्तान, चीन और तुर्की जैसे देशों की तरफ था जो लार टपकाए अफगानिस्तान की तरफ देख रहे हैं और वहां के नाजुक हालात का फायदा उठाने की कोशिश में हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है। हमें उन्हें यह सहायता प्रदान करके अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिए न हो। प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘हमें सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि कोई भी देश वहां की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश न करे और इसे अपने स्वार्थ के लिए एक साधन के तौर पर इस्तेमाल न करे।’

चीन, पाकिस्तान और तालिबान… संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से पीएम मोदी के पांच प्रहार

  • पीएम मोदी ने आतंकवाद और अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि यह सुनिश्चित करना काफी जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो। उन्होंने यह भी कहा कि इस सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।
  • पीएम मोदी ने अपने भाषण में विस्तारवाद को लेकर चीन को बिना नाम लिए खूब सुनाया। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने रेग्रेसिव थिंकिंग और आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को साइंस बेस्ड रेशनल और विकासवादी सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा। उनके समुद्री सुरक्षा वाली बात को भी चीन से ही जोड़ा जा रहा है। चीन साउथ चाइना सी में बहुत ही आक्रामक तरीके से गतिविधियां बढ़ा रहा है। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने कोरोना की उत्पत्ति को लेकर भी चीन पर हमला बोला।
  • पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर भी कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपने इफेक्टिवनेस को बढ़ाना होगा, विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा। यूएन पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने पर्यावरण और कोविड के दौरान देखा है। दुनिया के कई हिस्सों में चल रही प्रॉक्सी वॉर, आतंकवाद और अभी अफगानिस्तान के संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है।
  • इमरान खान ने कुछ घंटे पहले यूएन के अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर खूब जहर उगला था। जिसके बाद पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मंच से दीनदयाल उपाध्याय का जिक्र कर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एकआत्म मानवदर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की आज जन्मजयंती है। एकात्म मानवदर्शन मतलब इंडिग्रल ह्यूमनिज्म। यानी स्व से समष्टि तक से विकास और विस्तार की यह यात्रा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय आरएसएस के बड़े नेता और संगठनकर्ता थे। वे बीजेपी के पहले के संगठन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। 1967 वे जनसंघ के महमंत्री और बाद में अध्यक्ष भी चुने गए।
  • पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र से तालिबान को भी संख्त संदेश दिया। पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान की जनता को, वहां कि महिलाओं को, वहां के बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना काफी जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो। इस समय तालिबान पूरी तरह से पाकिस्तान के इशारों पर चल रहा है। इससे भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए पुरजोर मांग
पीएम मोदी ने यूएन के मंच से यूएन को ही चेताया कि अगर समय के साथ इस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सुधार नहीं किए तो उसकी प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी। इस तरह उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दमदार दावेदारी पेश की। प्रधानमंत्री ने भारत के महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य के शब्द दोहराए ‘कालाति क्रमात काल एव फलं पिबति। जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर संयुक्त राष्ट्र को प्रासंगिक बने रहना है, तो उसे अपनी प्रभावशीलता में सुधार करना होगा और विश्वसनीयता बढ़ानी होगी।’ उन्होंने कहा कि आज संयुक्त राष्ट्र के बारे में तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

समंदर के ‘बिगड़ैल और विस्तारवादी’ चीन को संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्रों को ‘हमारी साझा विरासत’ करार दिया और कहा कि ‘हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि हमें समुद्री संसाधन का सिर्फ उपयोग करना है और उनका दुरुपयोग या अति दोहन नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा हैं। हमें विस्तार और बहिष्कार की दौड़ से उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नियम आधारित विश्व व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक सुर में आवाज उठानी होगी।’

आइए भारत में वैक्सीन बनाइए, हमारा दर्शन सेवा परमो धर्म:
पीएम मोदी ने कहा, ‘सेवा परमो धर्म: को जीने वाला भारत, सीमित संसाधनों के बावजूद टीकों के विकास और निर्माण में जी-जान से जुटा है। मैं संयुक्त राष्ट्र महासभा को ये जानकारी देना चाहता हूं कि, भारत ने दुनिया का पहला डीएनए टीका विकसित कर लिया है जिसे 12 साल की आयु से ज्यादा के सभी लोगों को दिया जा सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, टएक और एम-आरएनए टीका अपने विकास के आखिरी चरण में है। भारत के वैज्ञानिक कोरोना के नाक के जरिये दिए जा सकने वाले एक टीके के निर्माण में भी जुटे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने, एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को टीके देने शुरू कर दिए हैं। मैं आज दुनिया भर के टीका निर्माताओं को भी आमंत्रित करता हूं कि आएं और भारत में टीके का उत्पादन करें।’


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा :REET के लेवल-2 में कड़ी जांच, लड़कियों के गहने, चुनरी उतरवाई, हाथ के डोरे भी खुलवाए

Sun Sep 26 , 2021
सीकर में लेट हुईं तो रोती-चीखती रहीं- गेट खोल दो सर, कॅरियर खराब हो जाएगा जयपुर। राजस्थान के इतिहास में प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) के दूसरे लेवल की परीक्षा संपन्न हो गई है। परीक्षा सेंटर्स […]

You May Like

Breaking News