Jharkhand Political Crisis: झारखंड की सियासत में मची खींचतान के बीच यहां भी ऑपरेशन लोटस का डर देखने को मिला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई महागठबंधन विधायकों की बैठक के बाद उन्हें लेकर तीन बसें रवाना हो चुकी हैं। कहा जा रहा है कि विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया जा रहा है।
नई दिल्ली। Jharkhand Political Crisis: लाभ के पद के मामले में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर लटकी तलवार के बीच राज्य में ऑपरेशन लोटस का खरता मंडरा रहा है। इससे बचने के लिए झारखंड महागठबंधन के विधायकों ने बोरिया-बिस्तर बांध लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई बैठक से महागठबंधन विधायकों को लेकर तीन बसें निकल गई है। बताया जा रहा है सभी बसें विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ रवाना हो रही हैं।
इस बैठक में चुनाव आयोग के संभावित फैसले के बाद राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर मंथन किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ विधायक बैग लेकर मीटिंग में पहुंचे थे। तभी संभावना जताई जा रही है कि विधायकों को रांची से दूर किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि तब मंत्री चंपई सोरेन ने विधायकों को शिफ्ट किए जाने की संभावना को खारिज किया है। लेकिन अब विधायकों को बसों पर सवार कर निकाला जा रहा है।
राज्यपाल आयोग की सिफारिश पर जता चुके हैं सहमति
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ राज्य का सियासी भविष्य चुनाव आयोग के फैसले पर टिका है। मालूम हो कि लाभ के पद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास की शिकायत पर चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी। जिसपर शुक्रवार देर शाम राज्यपाल ने अपनी सहमति जता दी है। अब इस मामले में फाइनल डिसीजन चुनाव आयोग को लेना है।
संख्या बल के हिसाब से झामुमो को मिलेगा सरकार बनाने का न्योता
बताया जा रहा है कि आज चुनाव आयोग किसी भी समय CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। सोरेन की सदस्यता जाने के बाद राज्यपाल रमेश बैस राज्य के सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता देंगे। संख्या बल के अनुसार फिलहाल JMM अभी झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ा दल है। ऐसे में नियम के अनुसार गवर्नर को सरकार बनाने का पहला मौका JMM को ही मिलेगा।
हेमंत सोरेन ने कहा- सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं
इस बीच CM हेमंत सोरेन ने शुक्रवार देर रात ट्वीट करते हुए इस मामले पर अपना जवाब दिया है। उन्होंने कहा है, ”सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है। बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है, क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं।”
इधर, BJP का दावा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज करने की भी तैयारी है। BJP का कहना है कि अगर उनकी विधायकी जाती है तो उनके ऊपर केस दर्ज करने पर भी फैसला हो सकता है।