बड़ी खबर : राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द, 21 लाख विद्यार्थी होंगे अगली कक्षा में प्रमोट
जयपुर@जागरूक जनता । देशभर में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन पर मंडराये संशय के बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं। कई राज्यों ने सूबे में बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। अब राजस्थान सरकार ने भी प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला किया है।
सीबीएसई और आईएससी बोर्ड के बाद हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश द्वारा सूबे में बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के क्रम में राजस्थान बोर्ड का भी नाम जुड़ गया है। परीक्षाओं को लेकर राजस्थान सरकार के मंत्री परिषद की बैठक बुधवार शाम छह बजे मुख्यमंत्री निवास पर हुई थी।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राजस्थान में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय को लेकर बुधवार, 02 जून को अहम बैठक हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चानुसार कैबिनेट की बैठक में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अंतिम निर्णय किया गया है। बैठक में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को निरस्त करने तथा मूल्यांकन के नियम तय करने को लेकर विचार – विमर्श किया गया।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ डीपी जारोली ने बताया कि राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में करीब साढ़े 21 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। 14 अप्रैल को सीबीएसई के फैसले के आधार पर परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं थीं। राज्य में 15 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोरोना महामारी के कारण राज्य में अब 125 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। ऐसे में परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है।
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सीबीएसई और आईएससी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं के निरस्त किए जाने का निर्णय किया गया था। इस फैसले के बाद कई राज्यों में प्रस्तावित बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दोबारा मंथन शुरू हो गया है। राज्यों में भी इम्तिहान रद्द करने की मांग अब फिर से जोर पकड़ने लगी थी। इसी क्रम में राजस्थान में भी आवाज उठाई जा रही थी। राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं पूर्व में स्थगित की गईं थीं। बता दें कि राजस्थान की सत्ता में कांग्रेस काबिज है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। वहीं, उधर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा स्वयं लगातार परीक्षाओं को रद्द करने की मांग कर रही थीं। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भी परीक्षाएं रद्द करने के लिए पत्र लिखा था। ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य में परीक्षाओं को निरस्त किया जाना निश्चित था।
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