अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ED के समन को किया नजरअंदाज, पूछा-आप मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध


कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि एक व्यक्ति ईडी के समन को तीन बार नजरअंदाज कर सकता है लेकिन आगे अगर वह ऐसा करता है तो उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज ED के सामने पेश होना था लेकिन उन्होंने एक लेटर मेल कर समन का जवाब दिया और कहा कि उन्हें यह बताया जाए कि किस हेसियत से ED उन्हें बुलाना चाहती है। अरविंद केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित भी बताया और आरोप लगाया कि उन्हें विधानसभा चुनाव में प्रचार में जाने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है। गौर करने लायक बात यह है कि अरविंद केजरीवाल को 11 बजे ईडी ऑफिस में पेश होना था लेकिन अब जब नहीं पहुंचे हैं तो इस पर ED क्या कार्रवाई कर सकती है? चर्चा है कि ED अरविंद केजरीवाल को दूसरा समन पेश करने वाली है।

क्या होगा ED का अगला कदम?
अरविंद केजरीवाल ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे हैं तो सवाल यह उठ रहा है कि ED का इस मामले को लेकर अगला कदम क्या हो सकता है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि एक व्यक्ति ईडी के समन को तीन बार नजरअंदाज कर सकता है। उसके बाद ईडी एक निश्चित तारीख पर केजरीवाल की अदालत में उपस्थिति को अनिवार्य करने वाला गैर-जमानती वारंट प्राप्त कर सकता है और अगर इसके भी जवाब में वह ED के सामने पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

वैकल्पिक रूप से वह समन को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। इससे अलग अगर ED के पावर पर नजर डाली जाए तो आसानी से समझा जा सकता है कि ED पैसों के लेन-दें से जुड़े मामले में कभी भी गिरफ्तारी कर सकती है।

क्यों नहीं पहुंचे केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल के ED दफ्तर नहीं पहुंचने पर कई तरह की बातें कही और लिखी जा रही हैं। उनके इस पूछताछ में नहीं पहुंचने को लेकर आम आदमी पार्टी की रणनीति की भी चर्चा है। गौरतलब है कि आज अरविंद केजरीवाल को मध्यप्रदेश की चुनावी यात्रा पर भी जाना था। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश से अपने प्रत्याशी उतारे हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी को आशंका है कि अगर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है तो पार्टी के कई प्लान प्रभावित होंगे।

केजरीवाल ने पूछा- मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को भेजे अपने लेटर में केजरीवाल ने लिखा, समन से यह क्लियर नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है यानी इस मामले में आप मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध। आप मुझे दिल्ली के CM के तौर पर बुला रहे हैं या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में। ऐसा लग रहा है कि यह मछली पकड़ने की जाल की तरह है।

भाजपा नेताओं को लीक किया गया समन
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ये समन भाजपा के इशारे पर भेजा गया। केजरीवाल ने लिखा- 30 अक्टूबर की दोपहर को भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया था कि जल्द ही मुझे तलब किया जाएगा और अरेस्ट किया जाएगा। उसी दिन शाम को मुझे समन मिला। इससे साफ जाहिर है कि मेरी छवि बदनाम करने के लिए समन भाजपा नेताओं को पहले लीक कर दिया गया था।

बतौर CM मुझे कई काम, जहां मेरा होना जरूरी
दिल्ली CM ने आगे लिखा, ‘देश में पांच राज्य यानी मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी हर जगह चुनाव लड़ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और स्टार प्रचारक होने के नाते, मुझे चुनाव प्रचार के लिए यात्रा करनी है।

दूसरी ओर मैं दिल्ली का मौजूदा मुख्यमंत्री हूं। दिवाली के त्योहार के चलते मेरे पास आधिकारिक तौर पर कई काम हैं। जहां मेरा होना जरूरी है। केजरीवाल ने लेटर के आखिर में ED से समन को वापस लेने की मांग की।

भाजपा बोली- ED ने इसलिए बुलाया है क्योंकि केजरीवाल भ्रष्टाचार के सागर हैं
केजरीवाल के लेटर के जवाब में भाजपा ने प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। संबित ने कहा- दिल्ली के सीएम पूछते हैं कि उन्हें किस हैसियत से बुलाया गया है। तो मैं बताता हूं, आपको ED ने इसलिए बुलाया है क्योंकि आप भ्रष्टाचार के सागर हैं।

पात्रा ने आगे कहा कि, केजरीवाल खुद को ‘पूरी तरह से ईमानदार’ बताते हैं लेकिन वह ‘पूरी तरह से बेईमान’ हैं। केजरीवाल और उनकी पार्टी को किसी पर भरोसा नहीं है। घोटाला सैकड़ों करोड़ का है। जब यह इतना बड़ा घोटाला है तो केजरीवाल की जांच होनी चाहिए।

राजघाट पर बढ़ाई गई सुरक्षा
केजरीवाल के पूछताछ के लिए जाने की संभावनाओं के बीच दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने उनके घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। केजरीवाल के 10 बजे राजघाट जाने की भी संभावना थी। इसे लेकर राजघाट पर पुलिस बल को तैनात किया गया।


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