11 महीने के बाद स्कूल खुलते ही क्लास की ओर दौड़ पडे़


जयपुर। कोरोनाकाल शुरू होने के बाद पिछले साल मार्च में बंद हुए स्कूल पिछले माह जनवरी से खुल गए। पहले चरण में 9वीं से 12वीं और अब दूसरे चरण में छठी से आठवीं तक के स्कूल खोले गए है। पूरे प्रदेश में सभी स्कूलों में लगभग 40.82 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत है, जिनके लिए आज से स्कूल खुल गए। स्कूल में विद्यार्थियों का आना स्वैच्छिक रखा, बावजूद उसके बच्चों की उपस्थिति पहले दिन उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छी रही। बच्चे 11 महीने से घरों में कैद थे, क्योंकि कोरोना के कारण उन्हें परिजन ज्यादा बाहर भी नहीं जाने दे रहे थे। ऐसे में आज सोमवार को स्कूल खुले तो बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं की ओर दौड़ पड़े। पहले दिन 75 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों की हाजिरी रही।

करीब 11 महीने बाद छठी से आठवीं तक के बच्चे जब स्कूल पहुंचे तो स्कूल में अलग ही माहौल रहा। जब बच्चे स्कूल गेट पर पहुंचे तो यहां उन्हें थर्मल स्कैनिंग से तापमान मापने, हाथ सैनेटाइज करवाने और मास्क लगाने के बाद प्रवेश दिया गया। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गेट के बाहर पहले से बने सफेद गोलों में बच्चों को दूर-दूर खड़ा रखकर उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखी गई।

राजकीय माध्यमिक विद्यालय, ब्रह्मपुरी के प्रधानाध्यापक प्रभाशंकर शर्मा ने बताया कि आज जिस तरह स्कूल में 9वीं और 10वीं के बच्चों की उपस्थिति धीरे-धीरे बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंची है। आज कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों की औसत उपस्थिति 75 फीसदी से भी ज्यादा रही। झोटवाड़ा स्थित चक बासड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल सुनीता जाट ने बताया कि रविवार को बच्चों के पेरेंट्स के साथ बैठक की और उन्हें स्कूल खुलने के संबंध में सरकार की गाइडलाइन के बारे में बताया गया। इस बैठक में अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति दी। उसी का परिणाम रहा कि स्कूल में तीनों कक्षाओं में 80 फीसदी बच्चे पहुंचे।

1 से 5वीं तक के बच्चों के लिए नहीं खुले स्कूल

भले ही कोरोनाकाल में अब सब कुछ अनलॉक हो गया हो, लेकिन अभी कक्षा एक से 5वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल नहीं खुले है। इन कक्षाओं को स्माइल प्रोजेक्ट या अन्य किसी माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। छठी व उससे ऊपर की कक्षा तक के स्कूल खुलने से अब उम्मीद की जा रही है कि 1 मार्च से पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए भी स्कूल खुल जाएंगे। हालांकि इस पर निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होगा।


Jagruk Janta

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